Bangladesh में सत्ता पलट, ISI की साजिश तो नहीं
क्या पाकिस्तान लगवा रहा है बांग्लादेश में आग
बांग्लादेश में अब तक 300 से ज्यादा लोगों के मारे जाने और हजारों के घायल होने वाले प्रदर्शनों के और हिंसक होते जाने के बीच प्रधानमंत्री शेख हसीना सेना के हेलीकॉप्टर से देश छोड़ गई हैं.
अब सारा मामला सेंना के हाथ है और सेना ने कहा है कि अब कार्यवाहक सरकार बनाई जाएगी लेकिन सवाल यह है कि आखिर ऐसा क्या हुआ जो बांग्लादेश में इतनी हिंसा भड़की और सत्ता परिवर्तन तक की नौबत आ गई. दरअसल इस सबके पीछे पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई का हाथ माना जा रहा है. जिस छात्र शिविर संगठन ने छात्र आंदोलन शुरु किया और हिंसा में भाग लिया वह जमात-ए-इस्लामी की ही टुकड़ी है, वैसे इस प्रतिबंधित संगठन को हसीना काम करने से रोकती रही हैं. जमात-ए-इस्लामी सीधे आईएसआई के मार्गदर्शन में काम करने वाली संस्था है.
सत्ताधारी आवामी लीग ने इस संगठन का पुरजोर विरोध करने की नीति बनाई लेकिन इसमें सफलता नहीं मिली. सारा मामला भी बांग्लादेश के लिए वर्ष 1971 में आजादी की लड़ाई लड़ने वाले सेनानियों के परिवारों को मिल रहे आरक्षण पर ही शुरु हुआ था और 1971 की वह हार पाकिस्तान के लिए हमेशा नासूर रही है जिसके बाद उससे अलग होकर बांग्लादेश बना. वहां की सुप्रीम कोर्ट ने आरक्षण काफी हद तक कम भी कर दिया लेकिन प्रदर्शनकारी इतने से संतुष्ट नहीं हुए और थोड़ी शांति के बाद फिर हिंसा भड़कने में भी आईएसआई की भूमिका समझी जा रही है. बांग्लादेश की सरकार इस बात पर नजर बनाए हुए थी लेकिन अब चूंकि हसीना देश से बाहर ही चली गई हैं तो अब यह काम सेना या कार्यवाहक सरकार को करना है कि वह पता लगाए कि इसमें पाकिस्तान का और उसकी एजेंसी का कितना हाथ रहा है.