Bangladesh सरकार ने कहा हसीना को बचाया तो मछली नहीं देंगे
पूर्व प्रधानमंत्री को भारत में शरण देने पर नाराज है यूनुस सरकार
दुर्गा पूजा पर बांग्लादेश से पद्मा नदी की हिल्सा मछलियां बहुत बड़ी मात्रा में बंगाल पहुंचती थीं लेकिन चूंकि इस बार भारत ने शेख हसीना को अपने यहां जान बचाने की मोहलत देते हुए शरण दे दी है इसलिए नाराज बांग्लादेश ने मछलियां देने से इंकार कर दिया है. वित्त विशेषज्ञ यूनुस के नेतृत्व में बनी अंतरिम सरकार यह नहीं समझ पा रही है कि ‘मछलियों की रानी’ कही जाने वाली यह मछली भारत को नहीं दी गई तो न सिर्फ रिश्ते कड़वे होंगे बल्कि बांग्लादेश की डूबती अर्थव्यवस्था के लिए भी फायदे का सोदा नहीं रहेगा. दरअसल दुर्गा पूजा के समय इस मछली का विशेष महत्व माना जाता है और बांग्लादेश का यह कदम कारोबारियों के साथ आम लोगों को भी निराश करने वाला है. बंगालियों के लिए यह महज एक मछली नहीं, बल्कि सामाजिक-सांस्कृतिक अस्मिता से जुड़ा मामला है. पिछले साल दुर्गा पूजा के शेख हसीना सरकार ने ने 3,950 टन हिल्सा कोलकाता भेजी थी और इतनी बड़ी मात्रा आने के बावजूद इसका भाव दो हजार रुपए किलो तक रहा था. दुनिया भर में होने वाले हिल्सा में से 70 प्रतिशत बांग्लादेश में होती हैं. इसे बांग्लादेश में राष्ट्रीय मछली का दर्जा भी दिया गया है.
पद्मा की हिल्सा का स्वाद बेमिसाल माना जाता है. खासकर दुर्गा पूजा के समय बंगाल के लोग सीमा पार से आने वाली इस मछली का बंगालियों को बेसब्री से इंतजार रहता है. हिल्सा के मामले में जितनी बड़ी मछली होती है उतनी ही ज्यादा कीमत भी होती है. बांग्लादेश की अंतरिम सरकार का कहना है कि उसने अपनी घरेलू मांग पूरी करने के लिए हिल्सा का निर्यात रोका है. बांग्लादेश की मत्स्य पालन मंत्रालय में सलाहकार फरीदा अख्तर के अनुसार इस साल दुर्गा पूजा पर भारत को मछली का निर्यात नहीं किया जाएगा.