June 21, 2025
वर्ल्ड

Baba, दाऊद और एक था एमएलए

सुनील दत्त की छत्रछाया में पनपा बाबा सिद्दीकी
बाबा सिद्दीकी यदि इस कदर समाचारों में छाया हुआ है तो उसका भूतकाल भी जान लेनाउ रोचक होगा. दरअसल बाबा मुंबई का रहवासी भी नहीं था लेकिन एक बार उसने इस शहर में अपनी पहचान गढ़ना शुरु की तो यह साफ था कि राजनीति ही उसके लिए तारणहार हो सकती है. यह वह जमाना था जब बांद्रा से फिल्म अभिनेता सुनील दत्त सांसद बना करते थे और उन्हीं की कृपादृष्टि कुछ ऐसी हुई कि बाबा को न सिर्फ कांग्रेस से पार्षद के लिए टिकट मिल गया बल्कि उसकी जीत में भी पार्टी ने पूरी ताकत लगा दी.

पार्षद के नाते उसको राजनीतिक संरक्षण मिला और सुनील दत्त की वजह से उसकी बॉलीवुड वालों से दोस्ती बढ़ती गई. बांद्रा और उसके आसपास के इलाके में ही कथित सितारे यानी फिल्मी दुनिया वाले रहते हैं और यदि दत्त साहब आपको साथ रखते हों तो बाकी लोगों से जुड़ना आसान बाबा के लिए होना ही था. इसी बीच उसने जमीनों का खेल करना शुरु कर दिया, बात शुरु हुई थी थोड़ी बहुत दलाली से और बढ़ते बढ़ते मामला करोड़ों की डील्स तक पहुंच गई. अंडरवर्ल्ड के बिना जिस मुंबई में पत्ता भी न हिलता हो वहां करोड़ों तक पहुंचते पहुंचते बाबा की दोस्ती उन सभी से हो गई जो उसकी राजनीति और जमीनी कारोबार की दुनिया में मदद कर सकते थे और वह इसी सिलसिले में दाऊद तक पहुंच गया. कहने वाले तो यह भी कहते हैं कि दाऊद को बॉलीवुड का नशा लगाने वाला भी बाबा ही था लेकिन ऐसा हो भी तो वह आधा ही सच होगा. दत्त साहब के ‘सुपुत्र’ ड्रग और हथियारों वगैरह में लंबे उलझे और इसमें बाबा की दोस्ती कितनी सहयोगी रही इसका कयास ही लगाया जा सकता है.

दत्त साहब सांसद थे और मुंबई से लेकर दिल्ली तक सारी सरकारें कांग्रेस यानी उप्न्हीं की पार्टी की थीं लेकिन जब सभी ने साथ देने से मना कर दिया तो सांसद साहब को साथ दो लोगों ने दिया उनमें एक थे बाला साहेब ठाकरे और दूसरे स्तर पर बाबा. इधर तिजारियों में करोड़ों पहुंच रहे थे और उधर बाबा पार्षद से विधायक की तरफ बढ़ रहा था, म्हाडा का मुखिया होना यानी अकूत संपत्ति के खजाने पर बैठ जाना, बाबा यहां भी बैठा. विधायक हुआ, इतना पॉवर साथ था तो मंत्री बनने की भी दावेदारी स्वाभाविक आ गइ्र और पूरे पांच साल बाबा मंत्री भी रहा. शाहरुख की मन्नत से लेकर सलमान की जन्नत तक में बाबा की तूती बोलती थी और जानी मानी इफ्तार पार्टी देने वाले दत्त साहब विदा हुए तो इस पार्टी को और बड़े पैमाने पर कराने की जिम्मेदारी बाबा ने खुद के कंधे पर ले ली. इस पार्टी में अरबों से सौदे फाइनल होते, बॉलीवुड वालों की कतारें लगतीं और शाहरुख से सलमान के हुए पंगे तक सुलझाए जाते. इस बीच एक मसले पर बाबा की दाउद से खटक गई, हुआ यूं कि दाऊद के गुर्गे पर बाबा ने मना किए जाने के बावजूद एफआईआर करा दी. बताया तो जाता है कि दाऊद ने बाबा को यहां तक कह दिया कि रामगोपाल वर्मा से कहकर तेरे ऊपर एक फिल्म बनवा दूंगा, जिसका नाम होगा ‘एक था विधायक’…
लॉरेंस बिश्नोई ने भले बाबा को रास्ते से हटाने की जिम्मेदारी ले ली हो लेकिन पुलिस के लिए यह तय कर पाना मुश्किल होगा कि यह झुग्गी पुनर्वास योजना के चलते मिली धमकी के बदले हुई हत्या है, सलमान को डराने के लिहाज से हुई हत्या है, जिनकी जमीनें दबाई गई हें उनके द्वारा किया गया मर्डर है या रामगोपाल वर्मा के हाथों फिल्म बनवााने के लिए की गई दाऊद की जुबान पूरी करने के लिए किया गया कत्ल है.जो भी हो फिल्म का नाम तो वही होगा ‘एक था विधायक’