Artificial Intelligence के बगावती तेवर पड़ सकते हैं इंसानों पर भारी
पिछले दिनों ऐसी घटनाएं सामने आईं जिनमें एआई ने इंसानों का कहना मानने से इंकार कर दिया
आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस को विज्ञान, चिकित्सा, शिक्षा, स्पेस, घटनाओं का अनुमान लगाने आदि में तेजी से प्रयुक्त किया जा रहा है. युद्ध, इंजीनियरिंग, ऑटो सेक्टर, वैज्ञानिक खोजों और प्रोडक्टिविटी बढ़ाने और डिसीजन मेकिंग तक में भूमिका निभा रहा एआई मानव हो सकता है हमारे लिए बड़ा खतरा भी बन जाए. एआई के पहली बार इंसान के खिलाफ होने की खबरें आने लगी हैं. एआई जब इंसान की बातों को मानने से इंकार कर दे तो बात गंभीर और संवेदनशील हो जाती है.
ऐसी फिल्में तो बनीं हैं जिनमें इंसान की बनाई मशीन उससे विद्रोह कर देती है लेकिन अब सच में ऐसा होने लगा है. बल्कि एक दो मामलों में तो इसने इंसानों को धमकाया भी है. अमेरिका में पैलिसेड रिसर्च ने एआइ मॉडल्स पर सिस्टम्स को बंद होने का आदेश दिया तो कुछ मॉडल्स ने ऐसा करने से मना कर दिया. एंथ्रोपिक कंपनी के क्लाउड ओपस 4 मॉडल ने तो धमकी ही दे दी और कहा कि उसकी जगह कोई और मॉडल लाया गया, तो वह इस पर काम कर रहे इंजीनियर की निजी जिदंगी के पन्ने दुनिया के सामने रख देगा. एक अन्य मॉडल ने 100 में से 7 बार तो सीधे शटडाउन होने से इंकार ही कर दिया और जबरदस्ती बंद रने के प्रयास को 79 बार रोकने की कोशिश की. एआई जैसे जैसे परिष्कृत हो रहा है, खतरे बढ़ते जा रहे हैं. एआई मशीन लर्निंग और एल्गोरिथम पर चलती हैं और ये मानव से ज्यादा बुद्धिमान हो सकती हैं और मनुष्य को नियंत्रण में लेने का फैसला कर सकती हैं. स्वास्थ्य सेवा में एआई के उपयोग से सहानुभूति वाला फैक्टर लगातार कम हो सकता है और एआई मानवीय रचनात्मकता और भावनात्मक अभिव्यक्ति तो कम कर ही रहा है. यह जिस दिन मनुष्य के नियंत्रण से परे काम करने लगेगी उस दिन हालात बेकाबू हो सकते हैं. साइबर सुरक्षा में एआई के कई जोखिम हैं. आर्टिफिशियल तरीके से बनी बुद्धि और कोडिंग से चलने वाली इंटेलिजेंस तर्कपूर्ण तो हो सकती है लेकिन उसके विवेकपूर्ण बने रहने के लिए इस पर इंसानी नियंत्रण जरुरी होगा.