June 20, 2025
वर्ल्ड

Andrew Jackson की तस्वीर, ट्रंप की पसंद और यह संयोग

अमेरिका से ‘मनजी’ की कलम से पढ़िए रोचक जानकारी

ट्रम्प ताऊ के पहले कार्यकाल में एक छोटी सी घटना हुई थी- जिस पे अधिकतम लोगों का ध्यान नहीं गया था- लेकिन अब लोग इस घटना को इस दूसरे कार्यकाल से जोड़ देख रहे है. आइए- अमुक के साथ अमेरिकी इतिहास में चहल कदमी कीजिए.

ट्रम्प ताऊ ने अपने पहले कार्यकाल में अपने दफ्तर में भूतपूर्व राष्ट्रपति एंड्रयू जैक्सन की बड़ी तस्वीर लगवाई थी- वो इन के बहुत बड़े मुरीद रहे. जनरल एंड्रयू जैक्सन की तस्वीर बीस डॉलर पे भी छपी हुई है जिसे बाईडेन सरकार ने हटाने का एक असफल प्रयास भी किया रहा.ये तस्वीर और बीस डॉलर का मुद्दा आज भी इधर चल रहा है. राइट विंग अमरीकियों के लिए जनरल एंड्रयू जैक्सन एक लीजेंड है और लेफ़्टिस्ट के लिए एक बुरा सपना.

एंड्रयू जैक्सन के बारे में कुछ दिलचस्प तथ्य ये है.एंड्रयू जैक्सन 1829 से 1837 तक संयुक्त राज्य अमेरिका के 7वें राष्ट्रपति थे.राष्ट्रपति के रूप में, एंड्रयू जैक्सन ने राष्ट्रपति पद की शक्ति को मजबूत किया, संघ का बचाव किया, विदेशी मामलों में संयुक्त राज्य अमेरिका के लिए नया सम्मान प्राप्त किया और देश को लोकतंत्र की ओर धकेला.जैक्सन के युग के दौरान अमेरिका संभावनाओं से भरा हुआ और सुनहरे, युवा वयस्कता की ओर बढ़ता हुआ राष्ट्र था. हालाँकि उत्तरी अभिजात वर्ग की संपत्ति से दूर पैदा हुए, जैक्सन राष्ट्रपति की शक्तियों का विस्तार करने में सक्षम थे, जो उनके पहले किसी भी राष्ट्रपति से कहीं ज़्यादा था. इसका नतीजा सरकार में अमिट बदलाव था.

हालाँकि जैक्सन ने “हम लोग” के राष्ट्र को बहाल करने और राष्ट्रपति के रूप में प्रतिनिधित्व करने वाले सभी लोगों को आवाज़ देने के लिए भी कड़ी लड़ाई लड़ी, लेकिन लोकतंत्र के इस विस्तार में सभी शामिल नहीं थे. गुलामी अमेरिकी समाज का एक व्यापक हिस्सा बनी रही, जैसा कि मूल अमेरिकियों का निरंतर विस्थापन था. जैक्सन के राष्ट्रपति पद के दौरान महिलाओं और मुक्त अश्वेतों के लिए अवसर अभी भी काफी हद तक न के बराबर थे.

राष्ट्रपति एंड्रयू जैक्सन ने दृढ़ता से स्थापित किया कि राष्ट्रपति केवल कानून लागू करने वाले कार्यकारी अधिकारी से कहीं अधिक हो सकते हैं. उन्होंने राष्ट्रपति को “लोगों” का एकमात्र प्रतिनिधि होने का उदाहरण दिया और इस तरह, उनकी इच्छा को पूरा करने के लिए व्यापक रूप से शक्ति का उपयोग कर सकते थे. जैक्सन ने लोकतंत्र की रूपरेखा तैयार की, राष्ट्रीय ऋण का भुगतान किया, अमेरिका के लिए नई भूमि हासिल की, वैश्विक स्तर पर विदेशी देशों के साथ संबंधों को मजबूत किया और एक नई मुद्रा जारी की. जैक्सन अलग थे. उनके जैसा कोई भी राष्ट्रपति कभी नहीं रहा. उन्होंने अपनी व्यक्तिगत मान्यताओं के आधार पर कार्यकारी निर्णय लिए और आम आदमी की रक्षा के लिए वह सब किया जो वह कर सकते थे.

जनरल एंड्रयू जैक्सन एक फौजी थे जिन्होंने ब्रिटेन और स्पेन आदि उपनिवेश के विरुद्ध युद्ध लड़े रहे और वो विजयी रहे थे. मौजूदा अमेरिका की सीमा बढ़ाने में इनका अहम रोल था. लिहाज़ा जनरल साहब आम अमेरिकन लोगों में बहुत पॉपुलर थे. इसके चलते वो राष्ट्रपति का चुनाव सबसे पहले लड़े वर्ष १८२४ में- और उनके विरुद्ध तीन तीन कैंडिडेट रहे. क्लियर मेजोरिटी किसी को नहीं मिली किंतु एंड्रयू जैक्सन सबसे आगे रहे. लेकिन बाक़ी तीन लोग मिल गए और इन्हें राष्ट्रपति नहीं बनने दिया. ये उनके विरुद्ध पहला नागवार कदम रहा. आगामी टर्म में वो क्लियर मत से जीते और लगातार दो टर्म – आठ साल राष्ट्रपति रहें.

एंड्रयू जैक्सन ने अपने कार्यकाल में अनेक ऐसे फैसले लिए थे जिसके विरुद्ध उनके ख़ुद की पार्टी के लोग थे. मसलन मूल निवासियों को उनकी पुश्तैनी ज़मीन से बेदखल कर उन्हें दूसरी जगह ट्रांसफर करना. अमेरिका उस समय क़र्ज़े में डूबा हुआ था. जैक्सन की नीतियो के चलते वो पहले और अंतिम राष्ट्रपति बने जिन्होंने तमाम नेशनल डेट चुका दिया था. अपने उप राष्ट्रपति से भी उन्होंने इस्तीफ़ा लिखवा लिया रहा- अपने पूरे कैबिनेट को भी बर्खास्त कर अपने वफ़ादार उन्होंने तैनात किए.

जनरल साहब स्वभाव से बहुत बहुत क्रोधी थे- इतने ख़ूँख़ार कि यदि उनके विरुद्ध कोई भी आवाज़ उठाए तो उसे वो अपना जाती शत्रु मानते. और अपने वफादार लोगों की रक्षा करने में सबसे आगे. जनरल साहब का ख़ुद के फ़ार्म रहे जहाँ हज़ारों में अश्वेत ग़ुलाम बेगारी करते थे. जनरल साहब अमेरिका के सबसे बड़े समर्थक थे – उनका अमेरिका श्वेत ईसाई पक्ष वाला था. आज अनेक क्रिटिक ट्रम्प ताऊ को जैक्सन का दो सौ साल बाद वाला अवतार मानते है.

जनरल साहब की वैवाहिक कहानी बड़ी ग़ज़ब है. इनकी बीवी रेचल का पहला विवाह एक जमींदार के साथ हुआ था. रेचल को वो पहला शौहर मारता पीटता था- तो रेचल उस से बच अपने पीहर आ गई. पीहर आ उसने जनरल जैक्सन से दूसरा विवाह कर लिया. इन्हें लगा रेचल के पहले शौहर ने तलाक दाखिल कर मंजूर करवा लिया होगा. किंतु ऐसा ना था. बिना तलाक के दूसरा विवाह करना मतलब लेडी को व्यवचारिणी डिक्लेअर होना होता था- लिहाजा रेचल को तुरंत तलाक मंजूर करवा फिर से जैक्सन से विवाह करना पड़ा. जैक्सन के विरोधियों ने इस मुआमले को बहुत तूल दिया. १८२९ के चुनाव से पहले रेचल के चरित्र पर इतना कीचड़ उछला कि वो बेचारी ग़म से चल बसी. जनरल साहब अपनी बीवी से बहुत प्रेम करते रहे- रेचल के ज़नाजे पे उन्होंने क़सम खाई- मेरे शत्रुओं को खुदा मुआफ़ कर सकता है- मैं नहीं. और वाक़ई में सत्ता में आने के बाद जैक्सन ने इन सब से प्रतिशोध लिया- बस ज़ान से नहीं मारा.

वर्ष १८३० में राष्ट्रपति जैक्सन को मारने एक हत्यारा दो दो पिस्तौल लिए उनके सामने जा पहुँचा- दो बार गोली चलाई- निशाना चूंक गया. जानते है जनरल जैक्सन ने क्या किया- इस हत्यारे को अपनी वॉकिंग स्टिक- बेंत से पीट पीट कर पुलिस के सुपुर्द कर दिया.

आज भी, एंड्रयू जैक्सन विवादों के तूफान में घिरे हुए हैं. उनका जीवन विरोधाभासों से भरा हुआ है, ठीक उसी तरह जैसे कि वह देश जिसके निर्माण में उन्होंने मदद की थी. उनके शुरुआती जीवनीकारों में से एक ने उन्हें “एक लोकतांत्रिक तानाशाह” और “एक क्रूर संत” कहा था. इधर मीडिया इनके और ट्रम्प ताऊ के बीच तस्वीर बनाती है कि किस तरह दूसरे कार्यकाल में ट्रम्प जैक्सन की हूबहू कार्यशैली कॉपी कर सकते है.