America में थर्ड जेंडर कॉन्सेप्ट खत्म, बाहरी लोगों को बाहर भेजने की मुहिम तेज
पहले ही 24 घंटों में सैकड़ों बड़े फैसले लेते हुए ट्रंप एक्शन में
अमेरिका की कमान संभालने के साथ ही ट्रंप ने जिस ताबड़तोड़ तरीके से फैसले लिए हैं उन्हें लेकर पूरी दुनिया पर असर सामने आ रहा है लेकिन ट्रंप और मस्क की जोड़ी ने यह बता दिया है कि वो किस दिशा में जा रहे हैं. जन्म से मिलने वाली नागरिकता का 150 साल पुराना नियम बदलने से लेकर बॉर्डर पर आपातकाल और थर्ड जेंडर वाला कॉन्सेप्ट खत्म करने जैसे बीसियों फैसले ट्रंप ने पहले ही दिन कर डाले और इसके साथ ही उन्होंने अपने उन सभी समर्थकों की सजाएं भी माफ कर दी हैं जिन्हें बिडेन ने ट्रंप का समर्थन करते हुए हंगामा करने के आरोप में लंबी सजाएं देने की धाराएं लगाई थीं. कमाल यह है कि जाते जाते भी बिडेन अपने परिवार और समर्थकों की सजा माफ कर रहे थे और आते ही ट्रंप ने भी माफी वाले अधिकार का ही सबसे बड़ा उपयोग कर डाला. जब ट्रंप ने अपने भाषण में कहा कि वो मेक्सिको की खाड़ी को अमेरिका की खाड़ी का नाम देंगे तो दर्शकों के बीच बैठी पूर्व प्रथम महिला हिलेरी क्लिंटन हंस रही थीं लेकिन ट्रंप इस बात पर भी अडिग हैं.
पनामा नहर पर चीन के धीमे कब्जे को खत्म करने की मंशा वो पहले ही जाहिर कर चुके हैं और आप्रवासी नागरिकों को डिपोर्टेशन उनकी प्राथमिकता सूची में पहले नंबर पर रहा ही है. इतने सारे मोर्चे एक साथ खोलने के बाद ट्रंप ने सभी सरकारी कर्मचारियों को वर्क फ्रॉम होम से भी बाहर आकर सीधे दफ्तर पहुंचने की भी चेतावनी दे डाली है. डेमोक्रेट्स इस बात को लेकर खुश हैं कि इन सारे फैसलों को लेने के चलते कमोबेश हर वर्ग में ट्रंप के खिलाफ भावनाएं जागेंगी और इन्हें वे अपने पक्ष में भुना सकेंगे. वैसे हरकत करने के मामले में डेमोक्रेट्स या कहें बिडेन, ओबामा की जोड़ी ने सत्ता छोड़ते छोड़ते भी कोई कसर नहीं छोड़ी. ट्रंप की शपथ के लिए जिस बिशप मरियेन एडगर बड्डे को चुना गया उसने भी ट्रंप का शपथ ग्रहण बिगाड़ने में कोई कसर नहीं छोड़ी और डेमोक्रेट्स की तरफ से बोलते हुए ट्रंप की इच्छा के खिलाफ एलजीबीटी वर्ग के ही पक्ष में बात नहीं रखी बल्कि डेमोक्रेट्स को लग रहे डर का भी जिक्र कर डाला. हालांकि इसके बाद ट्रंप ने वही कहा जो उन्हें कहना था यानी उन्होंने साफ किया कि वे महिला और पुरुष के अलावा किसी तीसरे जेंडर को नहीं मानेंगे और अब अमेरिका की भी यही लाइन होगी. करने के मामले में भी ट्रंप ने वही किया जो उन्हें करना था और उन्होंने अपने समर्थकों को केपिटल हिल मामले में माफी देते हुए बिडेन प्रशासन को जमकर कोसा भी. ट्रंप ने बिडेन प्रशासन की सैकड़ों नियुक्तियां पहली फुरसत में खारिज कर दी हैं और कई अंतरराष्ट्रीय संगठनों में जिनमें अमेरिका अगुवाई करते हुए करोड़ों डॉलर का खर्च करता था उनसे भी बाहर होने का निर्णय ले लिया.