Alaska में पुत्तन चच्चा और ट्रंप ताऊ की बैठक
अमरिक्का से मनजी की कलम से समझें दो महाशक्तियों की मुलाकात का ब्यौरा
आज अलास्का में ऐतिहासिक मीटिंग हुई जिसमें रूसी सदर पुत्तन चच्चा ने दस साल बाद अमेरिकी धरती पे कदम रखा। ट्रम्प ताऊ ने दुनिया को आश्वासन दिया था कि वो चच्चा को समझा देंगे और यूक्रेन से युद्ध रुकवा देंगे। आज की रपट इसी मुद्दे पे श्री भूरेलाल जी के अल्फ़ाज़ों में पढ़िए।
अलास्का के शहर एंकरेज में आज ये बैठक हुई- ऐसा शहर जहाँ रात के दस बजे सूर्यदेव शयन करते है और पुनः छह बजे उदय हो जाते है। किंतु इस रात की सुबह दिखी ही नहीं। ताऊ ने चच्चा के स्वागत में रेड कारपेट बिछाया, अपने लड़ाकू हवाईजहाज़ों को तैनात रखा और पुत्तन चच्चा का गर्मजोशी से स्वागत किया। इसके उपरांत ताऊ चच्चा को अपनी गाड़ी में अपने संग बिठा बैठक स्थल लेके गए।
तीन घंटों तक चली इस बैठक में शायद दोनों के बीच कोई सहमति नहीं बनी। बैठक के बाद चच्चा और ताऊ ने एक जॉइंट प्रेस कांफ्रेंस की जिसमें निम्न मुद्दे स्पष्ट हुए-
- पुत्तन चच्चा के अनुसार जब तक रूस को उसके हित अनुसार सौदा नहीं मिलेगा, युद्ध विराम नहीं होगा।
- चच्चा के हिसाब से बैठक में कई बातों पे सहमति बनी।
- चच्चा ने ये भी कहा यदि 2022 में ताऊ अमेरिकी सदर होते तो ये लड़ाई शुरू ही नहीं होती।
- चच्चा ने कहा कि शायद अगली बैठक मॉस्को में होगी।
- ट्रम्प ताऊ ने कहा- There’s no deal until there’s a deal. अर्थात् जब तक कोई सौदा तय ना हो जाये तब तक सौदा नहीं माना जाएगा।
- ताऊ ने आगे कहा अब वो नाटो और यूक्रेनी सदर ज़ेलेंस्की को फ़ोन कर बात करेंगे। कदाचित पुत्तन चच्चा की शर्तों को मानने का मुद्दा उठेगा।
ताऊ ने एलान किया अब वो अलास्का में नहीं रुकेंगे और वापस राजधानी वाशिंगटन डीसी जा रहे है। इसी चक्कर में रूसी पत्रकारों के लिए रखी गई दावत भी कैंसिल कर दी गई। बेचारे सोच रहे होंगे—कम से कम कैवियार तो मिल जाता!
पुत्तन चच्चा इसके उपरान्त विश्व युद्ध द्वितीय के शहीद स्मारक गए और वहाँ रूसी फ़ौजियों की कब्र पे फूल चढ़ाये। उसके बाद वे भी वहाँ से अपने मुल्क रवाना हो गए।
कुल मिलाकर इस बैठक का कोई ठोस फ़ैसला नहीं आया।
इस बैठक से अमेरिकी मीडिया में क्या क्या रार मची-
- हिलेरी क्लिंटन चच्ची ने कहा था यदि ट्रम्प ताऊ इस शांति वार्ता को बिना किसी शर्त के मुकम्मल करवाते है तो वो ख़ुद उन्हें नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नामित करेंगी।
- कैलिफोर्निया के विपक्षी गवर्नर ने ताऊ की खिल्ली उड़ाते हुए तंज भरा बयान दिया।
- विपक्ष का कहना है कि पुत्तन चच्चा युद्ध अपराधी है और उन्हें न्योता देकर रेड कारपेट बिछा कर आगवानी करना अमेरिकी हित के विरुद्ध है।
- ताऊ समर्थकों का कहना है: पुत्तन चच्चा कम से कम इतने शालीन तो है जो स्मारक पे फूल चढ़ा कर गए, ज़ेलेंस्की तो हर छह महीने में अमेरिका में दान लेने पहुँच जाते है।
कुल मिला कर ये कहा जा सकता है- खाया पिया कुछ नहीं ग्लास तोड़ा बारह आना!
और अब सबसे अहम सवाल- अब ताऊ का भारत के प्रति क्या रिएक्शन होगा! रिएक्शन पॉजिटिव तो नहीं दिख रहा है , शायद प्रतिउत्तर और भड़कीला हो। मुल्ला जी का गुस्सा अक्सर दाढ़ी पे ही निकलता है!
भूरेलाल जी इस मुद्दे पे अर्ज़ करते है-
ताऊ की तक़रीर, चच्चा का बयान,
नतीजा वही—सफ़्हा-ए-ख़ाली मकान।