Putin बोले बिेन की जगह ट्रंप होते तो यूक्रेन से युद्ध नहीं होता
ट्रंप-पुतिन शिखर सम्मेलन के बाद शांति की संभावनाएं बढ़ीं, अगली बैठक मॉस्को समिट
अलास्का के एंकोरेज शहर में हुर्द रुस और अमेरिका के बीच की शिखर वार्ता प पूरी दुनिया की निगाहें टिकी थीं हालांकि इसमें कुछ खास निकल कर नहीं आया लेकिन पुतिन के उस बयान ने अमेरिका में कई लोगों की नजरें जरुर टेढ़ी कर दी हैं जिसमें उन्होंने कहा कि यदि ट्रंप बिडेन की जगह होते तो शायद यूक्रेन और रुस के बीच लड़ाई छिड़ती ही नहीं, पौने तीन घंटे की ट्रंप पुतिन कि बाद यूक्रेन और रुस के बीच युद्ध थमने के आसार जरा बढ़ते हुए नजर आए हैं और पुतिन का यह बयान भी इसी तरफ इशारा कर रहा है. अलास्का अपनी ठंडक के लिए पहचाना जाता है लेकिन शुक्रवार को यहां से निकल रही अंतरराष्ट्रीय राजनीति की गर्मी चरम पर थी. अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप और रूसी राष्ट्रपति पुतिन के बीच हुए इस बहुप्रतीक्षित शिखर सम्मेलन को लेकर कयास लगाए जा रहे थे कि संयुक्त बयान में कोई बड़ी घोषणा की जाएगी लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ. इसे यूक्रेन युद्ध रोकने की दिशा में बड़ा कदम माना जा रहा था लेकिन संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस में ‘सीजफायर’ जैसा कोई शब्द नहीं आया. इतना ुहआ कि दोनों राष्ट्रपति ने अगली मुलाकात की बात की और यह तय हुआ कि अब मीटिंग ‘मॉस्को समिट’ होगी यानी पुतिन अब ट्रंप को मॉस्को में होस्ट करेंगे.
अलास्का पहुंचने पर बी-2 स्टील्थ बॉम्बर्स और एफ-22 जेट ने पुतिन का स्वागत किया. रेड कार्पेट पर चलकर पहुंचे पुतिन का ट्रंप ने बेहतरीन स्वागत किया, दोनों नेता लिमोज़िन में बैठक के लिए पहुंचे. शुरुआत में योजना थी कि ट्रंप पुतिन अकेले में बात कर करेंगे लेकिन मीटिंग में अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो और विशेष दूत स्टीव विटकॉफ रहे जबकि पुतिन के साथ विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव और सलाहकार यूरी उशाकोव भी रहे.
जब पौने तीन घंटे की मीटिंग के बाद ट्रंप पुतिन निकले तो नौ मिनट की प्रेस कांफ्रेंस हुई जिसमें बातचीत को रचनात्मकऔर सकारात्मक बताया गया और शांति की संभावना भी बढ़ी हुई बताई गई. पुतिन कभी रुस का ही हिस्सा रहे अलास्का में अमेरिका के मेहमान बनकर एक दशक बाद पहुंचे थे. सितंबर 2015 में संयुक्त राष्ट्र महासभा में बराक ओबामा ने उन्हें होस्ट किया था. हालाँकि इस बैठक से कोई ठोस बात नहीं निकली लेकिन संकेत अच्छे दिए गए हैं. ट्रंप ने शांति की संभावना पर बात की और पुतिन ने व्यापार बढ़ोतरी को सकारात्मक कदम बताया. एंकोरेज का शिखर सम्मेलन भले किसी समझौते पर नहीं पहुंचा लेकिन शांति की तरफ बढ़े कदमों के मामले में यह एक अहम पड़ाव था.