October 24, 2025
वर्ल्ड

AI से बने कंटेंट पर लेबलिंग जरुरी हुई

भारत सरकार ने एआई कंटेंट की लेबलिंग अनिवार्य की
बच्चों की सुरक्षा पर मेटा के भी सख्त कदम

डिजिटल दुनिया में पारदर्शिता और सुरक्षा को लेकर भारत सरकार और मेटा ने दो बड़े फैसले लिए हैं. एक तरफ भारत सरकार ने सोशल मीडिया पर एआई जनरेटेड कंटेंट की पहचान के लिए लेबलिंग को अनिवार्य किया है, वहीं मेटा ने 16 साल से कम उम्र के बच्चों को अनुचित कंटेंट से बचाने के लिए इंस्टाग्राम जैसे प्लेटफॉर्म्स पर नई सुरक्षा व्यवस्था लागू की है.
एआई कंटेंट पर भारत सरकार की सख्ती
भारत सरकार ने सोशल मीडिया पर फैल रही गलत जानकारी और भ्रमित करने वाले फेक, डीपफेक और एआई जेनरेटेड कंटेंट को रोकने के लिए अब सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर हर ऐसे कंटेंट की लेबलिंग आवश्यक ना दी है जो आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से बनाया गया हो, उस पर स्पष्ट लेबल लगाकर बताना होगा कि संबंधित फोटो, वीडियो या टेक्स्ट एआई से तैयार है. इस नियम चलते लोगों को पता चलेगा कि वे जो देख रहे हैं वह वास्तविक है या एआई का बनाया हुआ है. एआई के बढ़ते उपयोग के साथ यह जरूरी है कि यूजर्स को फेक कंटेंट से बचाया जाए. लेबलिंग होने से गलत सूचना फैलने की संभावना कम होगी . सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने कहा है कि सोशल मीडिया कंपनियां यह करें कि एआई जनरेटेड कंटेंट की पहचान पर ऑटोमैटिक डिटेक्शन सिस्टम और मैनुअल टैगिंग दोनों हों. जो प्लेटफॉर्म इस नियम का पालन नहीं करें उन पर कानूनी कार्रवाई हो सकती है.
बच्चों की सुरक्षा को लेकर मेटा का कदम
उधर मेटा ने तय किया है कि 16 साल से कम उम्र के यूजर्स के लिए नई सुरक्षा और निगरानी फीचर्स होंगे जिससे ये यूजर्स वही कंटेंट देख सकेंगे जो 13 साल से ऊपर के बच्चों के लिए उपयुक्त हो. सेटिंग्स को पैरेंट्स की अनुमति के बिना बदल न पाने वाला फीचर भी मेटा ने जोड़ दिया है. मेटा का कहना है कि दुनियाभर में 13 से 15 साल के 97% किशोर इन पेरेंटल सुरक्षात्मक सेटिंग्स के भीतर बने हुए हैं.