June 21, 2025
विदेश

US Election क्या ट्रंप और कमला के ही बीच था

सारी पोस्ट सारे टाइम्स धरे रह रह गए

दो दिन में ट्रंप की जीत को लेकर लगभग हर कोण से देख लिया गया है, किसी को यह महिला की हार बताने में राहत महसूस हो रही है तो किसी के लिए यह बिडेन और ओबामा की संयुक्त हार ज्यादा है. किसी को इसमें एंटी इंकंबेंसी नजर आ रही है तो कुछ कह रहे हैं कि कमला हैरिस का चयन ही गलत था, इससे तो अच्छे बिडेन ही रहते. एक और कोण है जिस पर सोचना जरुरी है और वह है मीडिया की भूमिका, लगभग पूरा मीडिया एकतरफा डेमोक्रेट्स के साथ था. परंपरागत रुप से भी यह सच रहा है कि मीडिया का साथ डेमोक्रेट्स को ज्यादा मिलता रहा है लेकिन इस बार तो मानो सभी मीडिया हाउस ट्रंप से निजी खुन्नस खाए बैठे थे.

वॉशिंगटन पोस्ट ने यदि कमला को एंडोर्स न करने की सफाई दी तो वह भी ऐसे समय पर दी कि ट्रंप को कोई फायदा न मिल जाए. यह बात हुई परंपरागत मीडिया की लेकिन इस बार ट्रंप के साथ मजबूती से खड़े रहे ट्विटर(एक्स) के मालिक और टेस्ला, बोरिंग व स्पेसएक्स जैसी कंपनियां खड़ी करने वाले एलन मस्क. एक तरह से मस्क ने लगभग आधा मोर्चा संभाल लिया ट्रंप की तरफ से. मस्क ने एक अभियान चलाया था कि स्विंग स्टेट का कोई नागरिक एक खास पिटिशन रजिस्टर करे तो वह लॉटरी में एक मिलियन डॉलर जीत सकता था, मस्क ने रोज एक विनर को एक मिलियन डॉलर का चेक ख़ुद भेंट किया. लेफ्ट विंग ने कोर्ट में इसे चुनाव जीतने के लिए रिश्वत बताया लेकिन अदालत ने कहा कि यहां चुनाव कहीं है ही नहीं बल्कि एक पिटिशन भर साइन की जा रही थी, स्विंग स्टेट्स में एक एक मिलियन डॉलर जीतने वाले बीस लोग भी प्रचार में जुटे. लेफ्ट विंग ने अब कोर्ट में कहा है कि मस्क ने अपनी मर्जी से विजेता चुन दिए और किसी कोई लेफ़्टिस्ट को ईनाम नहीं मिला. अब जब पहली शर्त ही पिटिशन साइन करके लॉटरी में रजिस्टर करने की थी तो अप कैसे जीत सकते हैं यदि आप ने रजिस्टर ही नहीं किया है लेकिन लेफ्ट के तर्क कहां ठीकठाक होते हैं. कमला जी चुनाव हार चुकी हैं और लेफ्ट वाले अब एक मिलियन डॉलर वाली लॉटरी के लिए कोर्ट में हैं. इस तरह लेफ्ट ही नहीं पूरा इको सिस्टम ही इन पोटस चुनावों में ध्वस्त होता नजर आया है और इससे ज्यादा बड़ी बात यह कि न्यूयॉर्क टाइम्स से लेकर फॉक्स न्यूज तक की जीतोड़ कोशिशों के बाद भी सोशल मीडिया यानी एक्स ने बाजी मार ली. इस हिसाब से देखें तो यह चुनाव जितना ट्रंप बनाम ओबामा-कमला-बिडेन था उतना ही सोशल मीडिया (खासतौर पर एक्स) और बाकी मीडिया हाउसेस के बीच था, आप तो जानते ही हैं कि कौन सा धड़ा जीता है.