Russia के लिए अब आतंकी नहीं रहा तालिबान
इंटरनेशनल इकोनॉमिक फोरम के लिए भी दिया न्यौता
रूस ने तय किया है कि वो तालिबान को प्रतिबंधित आतंकी संगठनों की सूची से ह्टाने देगा. रूस की न्यूज एजेंसी के अनुसार रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने कहा है कि कजाखस्तान ने हाल ही में तालिबान पर ऐसा फैसला लिया है और हम भी इस निर्णय के साथ हैं. लावरोव ने कहा कि तालिबान को लेकर यह फैसला लेने में लंबा समय भी इसीलिए लगा कि हम देखना चाहते थे कि अफगानिस्तान में तालिबान किस तरह काम कर रहा है. रुस ने तालिबान के उदय के 21 साल बाद यह फैसला लिया है जबकि तालिबान को रुस पर सत्ता हासिलकिए ही तीन साल से ज्यादा समय हो गया है. कजाखस्तान ने एक बड़े फैसल में तालिबान से बैन हटाते हुए उसे आतंकी संगठनों की सूची से बाहर कर दिया था.रूस ने भी तालिबान पर कई प्रतिबंधों के बाद भी संबंध बना रखे हैं. हालांकि तालिबान को आधिकारिक मान्यता उन्होंने अब तक नहीं दी है. रूस ने तालिबान को सेंट पीटर्सबर्ग में होने वाले इंटरनेशनल इकोनॉमिक फोरम में शामिल होने के लिए भी न्यौता दिया है. यह कार्यक्रम 5 से 8 जून के बीच रुस की मेजबानी में होना है.इस सबके पीछे एक कारण यह भी बताया जा रहा है कि अफगानिस्तान ने रूस से तेल खरीदने की संभावना जताई है. रुस ने जब से यूक्रेन युद्ध शुरु किया है अंतर राष्ट्रीय स्तर पर उस पर प्रतिबंध लगाए गए हैं और भारत सहित कुछ ही देश हैं जो इन प्रतिबंधों के बाद भी रुस से तेल खरीद रहे हैं, ऐसे में रुस हर उस देश को साथ लेना चाहता है जो उससे तेल खरीदने के लिए उत्साहित हो.