April 19, 2025
विदेश

Nazariya ट्रंप की जीत और जमीनी सच्चाइयां

अमेरिका से ‘मन जी’ की कलम…
तो अंततः ट्रम्प ताऊ जी ने कमला बुआ जी को परास्त कर ही दिया. ग्राउंड रियलिटी और इधर के कुछ वास्तविक फैक्टर जीत के ये रहे-
-हरिकेन हेलेन से इंपैक्ट राज्यो ने ट्रम्प को जिताया. कारण साफ़ था- बाईडेन/हैरिस सरकार ने इधर बर्बाद हुए लोगों को सात सौ डॉलर का मुआवज़ा दिया था और इसी टाइम बहुत बड़ी बड़ी रकम यूक्रेन और इसराइल को लुटाई. ये फैक्टर इनके विरुद्ध गया. उदाहरण के तौर पे- एनसी सूबे में काँटे की टक्कर थी किंतु जैसे जैसे हरिकेन प्रभावित क्षेत्र के वोट खुलते गए,ताऊ को बढ़त मिलती गई.
-कमाला बुआ जी का महिला होना और ऊपर से कलर्ड महिला होना उनके विरुद्ध गया. लेफ्ट को बात समझनी होगी चाहे दुनिया लाख फॉरवर्ड हो जाये ,अमेरिका एक महिला सदर के लिए रेडी नहीं है. हिलेरी क्लिंटन पिछली बार अधिक वोट पा कर भी नहीं जीती थी तो बुआ जी तो खैर दूर की कौड़ी है.
-कल भारी संख्या में अमेरिकी पुरुषों ने वोट डाले- पलड़ा वही भारी पड़ा. लास्ट मिनट पर इस बौछार ने ताऊ जी को जबरदस्त लीड दी.

  • मस्क ट्रम्प कॉम्बो घातक रहा. अमेरिकी मीडिया ने लाख एक तरफा पक्ष रखा- बुआ जी को खूब फेवर किया किंतु मस्क ने ट्विटर/एक्स के बलबूते पर ये जंग जीत ली. आशा है मस्क अब इस सरकार में अहम भूमिका निभायेंगे

यदि आप आज अमेरिकी चुनाव परिणामों से आश्चर्यचकित हो रहे हैं, तो याद रखें कि कमाला हैरिस को मैंन स्ट्रीम मीडिया , हॉलीवुड अभिजात वर्ग, संगीत की मेगा हस्तियों, पूर्व राष्ट्रपतियों का पूरा सपोर्ट था और फिर भी हिलेरी से भी बदतर हार हुई.

हैरिस ना केवल चुनाव हार गईं, बल्कि लोकप्रिय वोट, सीनेट, शायद सदन भी हारी है. और तो और ट्रम्प के पास सुप्रीम कोर्ट में बहुमत है.

भारत में रहने वाले बंधु ट्रम्प की जीत से खुश है- होना भी चाहिए. ट्रम्प के पास अधिक भारतीयता वाले तत्व है कमाला की तुलना में- मसलन विवेक रामास्वामी, तुलसी गबार्ड और वाईस प्रेसिडेंट जेडी का भारतीय कनेक्शन. और सौ बात की एक बात- यदि भारतीय मीडिया और लेफ्ट विंग जिस पक्ष की तरफदारी करें- राइट विंग स्वतः विपरीत पक्ष की तरफ़ झुकेंगे ही- सिंपल सी बात है.

बाक़ी जीत के बाद की कहानी ये है कि अमेरिका बड़ी शुष्क जगह है. इस मुल्क में जश्न मनाने का तरीक़ा लोगों को आता ही नहीं है. ना कहीं ढोल नगाड़े बजे- ना कहीं बड़े बड़े पोस्टर होर्डिंग लगे और ना कहीं लड्डू आदि बाँटे गए. कोई रोड शो नहीं हुआ कोई विजय रैली नहीं निकाली है. कोई पटाखे नहीं फोड़े गए – ना विजित नेता के पोस्टर पर फूलमालाएं लादी गई. बताओ – दुनिया का सबसे बड़ा चुनाव और इतना शुष्क खुश्क रिएक्शन.

इस से ज़्यादा सेलिब्रेशन तो अपने देश में हो गया- ट्रम्प के मीम बन गए- शुभेच्छा के पोस्टर भी बन गए- बधाई देने वालो का ताँता भी लग गया. पाकिस्तानी में तो ट्रम्प की बाक़ायदा लड़की भी पैदा हो गई- ना केवल पैदा हुई बल्कि बड़ी भी हो गई.

सेलिब्रेट करने में आम अमेरिकी पब्लिक बहुत पीछे है- हमारे हियाँ तो सरपंची के चुनाव में इस से कहीं अधिक जश्न मना लेते है.