July 14, 2025
देश

Pune Case में नाबालिग की जमानत रद्द हुई

पुणे में 18 मई को तेज रफ्तार पोर्शे कार से टक्कर मारकर दो आईटी इंजीनियर्स की जान लेने वाले नाबालिग की जमानत रद्द हो गई है. जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड ने नाबालिग को केवल निबंध लिखने का कहकर छोड़ दिया था. सोशल मीडिया में जमकर इस बात की आलोचना होने के बाद नाबालिग रईसजादे को अदालत ने उसकी जमानत रद्द कर दी और उसे बाल सुधार गृह भेज दिया. इस बीच पुणे सत्र अदालत ने नाबालिग के पिता और एक पब के दो कर्मियों को 24 मई तक की पुलिस हिरासत में भेज दिया.
यह है मामला
कार को लगभग 200 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलाते हुए दो युवाओं को रौंदते समय अमीर बिल्डर का नाबालिग बेटा शराब के नशे में था. हादसे के बाद भागने में नाकाम रहने पर उसे किशोर न्याय बोर्ड के समक्ष पेश किया गया, जहां कुछ घंटों बाद उसे इस शर्त पर जमानत मिल गई कि वह इस दुर्घटना पर 300 शब्द का निबंध लिख दे.
पुलिस ने सत्र अदालत में दी थी आदेश को चुनौती
पुणे पुलिस जमानत आदेश को चुनौती देते हुए सत्र अदालत पहुंची थी और लड़के को वयस्क की तरह व्यवहार करने की अनुमति देने की मांग करते हुए उसके अपराध को जघन्य बताया था. हालांकि, अदालत ने पुलिस से कहा कि वह आदेश की समीक्षा के लिए याचिका के साथ किशोर न्याय बोर्ड से संपर्क करे. वैसे इस मामले में एक और तथ्य यह भी सामने आया है कि ढाई करोड़ से ज्यादा की इस कार के लिए महज 1750 रुपए में हो जाने वाला रजिस्ट्रेशन नहीं कराया गया था. जिस पब में नाबालिग शराब पीकर और लगभग इसके लिए लगभग 50,000 रुपए चुकाकर निकला था उसके भी दो कर्मचारी पकड़े गए हैं और पब को सील किए जाने की भी बात सामने आई है.