Kejriwal तिहाड़ पहुंचे, पहले राजघाट गए फिर किया सरेंडर
अरविन्द केजरीवाल ने कोशिश तो बहुत की कि उन्हें जमानत अवधि पूरी होने के बाद जेल में न जाना पड़े लेकिन कोई तरीका काम नहीं आया और आखिर आज उन्हें तिहाड़ में सरेंडर करना ही पड़ा. उनकी अंतरिम जमानत पर सुप्रीम कोर्ट 5 जून को फैसला देगा. अदालत ने जब उनकी जमानत बढ़ाए जाने के मामले में फैसला सुरक्षित रख लिया था तभी से तय हो गया था कि रविवार को केजरीवाल को तिहाड़ जाना ही होगा. केजरीवाल की ओर से बीमारी का हवाला दिया गया था लेकिन इस पर ED ने उनके चुनाव प्रचार को आगे कर बताया कि वे सिर्फ बहाना बना रहे हैं.
वजन कम नहीं हुआ बढ़ा था
जमानत सात दिन बढ़ाए जाने की बात रखते हुए केजरीवाल का पक्ष एन हरिहरन ने रखा. उन्होंने कोर्ट को बताया कि उनके मुवक्किल का स्वास्थ्य ठीक नहीं है और जेल में उन्हें बेहतर इलाज न मिल पाने की संभावना है इसलिए अंतरिम जमानत 7 दिन बढ़ा दी जाए, कोर्ट को बताया गया कि केजरीवाल 1994 से डायबिटीज के मरीज हैं और इन्सुलिन लेते हैं. ईडी ने अपना पक्ष रखते हुए केजरीवाल द्वारा न्यायालय को गुमराह करने का आरोप लगाया. उन्होंने केजरीवाल की प्रेस कॉन्फ्रेंस का भी जिक्र किया. ED ने कहा केजरीवाल को जमानत न दें क्योंकि जमानत मिलने पर केजरीवाल ने मेडिकल टेस्ट कराने की बजाय रैलियाँ और रोड शो करने पर फोकस किया. 7 किलो वजन कम होने की बात पर ईडी ने कहा कि असल में अरविंद केजरीवाल का वजन 1 किलो बढ़ा था, न कि कम हुआ था. इस पूरे घटनाक्रम के बाद केजरीवाल को आज सरेंडर करना ही था. वे दोपहर में सरेंडर के लिए घर से अपने मां पिता के चरण स्पर्श कर निकले और राजघाट से वापस जाकर तिहाड़ में उन्होंने सरेंडर करने से पहले कहा कि पता नहीं अब में कब लौटूंगा. वे लगातार दो दिन से भावुक संदेश और भाषण अपने समर्थकों को दे रहे थे.