October 19, 2025
देश दुनिया

Zoho-Arattai की जीमेल और व्हाट्सएप को चुनौती

केंद्रीय मंत्रियों ने भी देशी प्लेटफॉर्म को प्राथमिकता देना शुरु किया

प्रधानमंत्री मोदी लगातार आत्मनिर्भरता की बात कर रहे हैं और अब इस दिशा में एक कदम यह भी बढ़ा दिया गया है कि अधिकतर मंत्री जीमेल की बजाए इसके भारतीय विकल्प पर शिफ्ट हो रहे हैं. अश्विनी वैष्णव से लेकर अमित शाह तक ने अपने ईमेल का पता दल कर जोहो पर कर लिया है. यह न केवल तकनीकी बदलाव का संकेत है बल्कि एक राजनीतिक और सांस्कृतिक संदेश भी है. शाह ने इस की घोषणा भी रोचक अंदाज में कमेाबेश वैसे ही की जैसे कि ट्रंप अपनने सोशल मीडिया के संदेश की करते हैं. शाह ने एक्स पर बताया है “सभी को नमस्कार. मैंने जोहो मेल पर स्विच कर लिया है. कृपया मेरे ईमेल पते में हुए बदलाव पर ध्यान दें. मेरा नया ईमेल पता [email protected] है. भविष्य में मेल द्वारा पत्राचार के लिए कृपया इसी पते का उपयोग करें. इस मामले पर ध्यान देने के लिए आपका धन्यवाद. शाह का जोहा पर आना एक रणनीतिक कदम है जिसमें अमेरिका द्वारा भारत पर लगाए गए भारी टैरिफ के विरोध का भी स्वर शामिल है. जोहो चेन्नई में मुख्यालय रखने वाली एक भारतीय कंपनी है जो 2008 से काम कर रही है.

जोहो ने डबल ऑथेराइजेशन, एन्क्रिप्टेड ट्रांसमिशन और एड फ्री इंटरफेस देने की नीति अपना रखी है. जिन्हें अपने डाटा को लेकर चिंता रहती है ऐसे उपयोगकर्ताओं के लिए यह आदर्श सर्विस मानी जाती है. छोटे व्यवसायों, पेशेवरों और सरकारी संगठनों में इसका उपयोग बढ़ रहा है, खासकर उन लोगों में जो अपने इनबॉक्स पर अधिक नियंत्रण और विज्ञापन-मुक्त अनुभव चाहते हैं. उधर व्हाट्सएप से भी बेहतर मैसेजिंग एप अराताई ने भी धूम मचा रखी है और इसे एक सप्ताह में 70 लाख से भी ज्यादा लोगों ने डाउनलोड किया है यानी यहां भी देशी संस्करण का बोलबाला बढ़ रहा है. तमिल में ‘अराताई’ का अर्थ होता है हंसी-मजाक. 2021 में आए इस एप को पिछले कुछ समय अचानक इसे पसंद करने वाले बढ़े हैं. दरअसल चीन ने भी अपने ही सोशल मीडिया और तकनीकी प्लेटफॉर्म्स को प्राथमिकता दी है और अब भारत भी इसी राह पर चल पड़ा है और मंत्रियों के इन प्लेटफॉर्म्स पर स्विच करा इसी दिशा में बढ़ा कदम माना जा रहा है. चीन में जिस तरह वीचैट और वीबू ने विदेशी प्लेटफॉर्म्स को पीछे छोड़ा है. वही कहानी अब भारत में दोहराई जा रही है.