April 19, 2025
देश दुनिया

World No Tobacco Day तंबाकू के खतरे सभी से साझा करने का दिन

तंबाकू उत्पाद हर दृष्टि से सेहत के लिए बुरे हैं. फिर भी न धूम्रपान कम होते दिखता है और न अन्य तंबाकू उत्पादों की खपत कम हो रही है. इसके जाल में फंसने का किशाेरों के बीच कारण भी अजीब है कि वे मान लेते हैं कि धूम्रपान अथवा तंबाकू उत्पादों से उनमें चुस्ती-फुर्ती आती है या तनाव कम होता है वगैरह. तमाम वैज्ञानिक शोध कहते हैं कि इनसे कोई फायदा नहीं है हां, निश्चित नुकसान जरुर है. ये ऐसा धीमा जहर हैं, जो बीमारियों को जन्म देते हैं. लोगों को तंबाकू के खतरों को बताने और इनसे दूर रहने की जागरुकता के लिए 31 मई को ‘विश्व तम्बाकू निषेध दिवस’ मनाया जाता है. दुनियाभर में हर साल लाखों मौतों की वजह बनने वाली तंबाकू से सजग रहने के लिए इस साल ‘तंबाकू उद्योग से बच्चों की रक्षा’ थीम के साथ मनाया जा रहा है. युवाओं को निशाना बनाते हुए की जा रही तंबाकू कंपनियों की मार्केटिंग स्ट्रेटेजी से बचने के प्रयास तलाशती इस थीम में डब्ल्यूएचओ
सोशल मीडिया सहित सभी संभव तरीकों से इस बारे में अपनी बात रख रहा है.
विकसित देशो में 30 प्रतिशत आबादी इसकी आदत का शिकार
अधिकांश देशों में 13-15 वर्ष की आयु से ही बच्चे तंबाकू उत्पादों का इस्तेमाल शुरु कर रहे हैं, यानी एक पूरी नई पीढ़ी को खतरे में डाला जा रहा है. अकेले धूम्रपान से हर साल लाखों लोगों की मौत होती है.हर साल सात हजार करोड़ सिगरेट कितनी जानें लेती हैं इसका कोई हिसाब नहीं है. अध्ययन कहते हैं कि तम्बाकू सेवन से हुई बीमारियों के इलाज पर खर्च का आंकड़ा एक लाख करोड़ से ज्यादा का बैठता है. विकसित कहे जाने वाले देशों में कुल आबादी का 30 प्रतिशत तक धूम्रपान करने वाला है जिसमें पुरुष 40 और स्त्रियां 21 प्रतिशत तक हैं और यह तंबाकू के केवल एक प्रोडक्ट यानी सिगरेट का आंकड़ा है. सभी प्रकार के कैंसर में से करीब 40 फीसदी का कारण धूम्रपान है लेकिन इसके प्रति जागरुकता कम ही है. डब्ल्यूएचओ के अनुसार कैंसर, हृदय रोग, सांस की बीमारी, डायबिटीज इत्यादि बीमारियों में भी धूम्रपान काफी खतरनाक होता है. डब्ल्यूएचओ और विश्व तंबाकू निषेध दिवस तो सभी को यह समझाने की कोशिश में है कि तंबाकू कितनी खरनाक है लेकिन आप तो सिर्फ इतना कर लीजिए कि खुद तंबाकू प्रोडक्ट्स से दूर रहिए और यदि कोई आपका अपना इसकी लत में पड़ा है तो उसे बचाने की कोशिश कीजिए.