Uddhav – Raj ठाकरे परिवार फिर एकजुट हुआ, परदे के पीछे पवार
महाराष्ट्र की राजनीति में भाजपा के खिलाफ विपक्ष को मोर्चा मजबूत करने की रणनीति
तो आखिर राज और उद्धव ठाकरे साथ आ ही गए और दोनों ने एक ही मंच साझा करते हुए यह बता दिया कि अब मराठी अस्मिता वाला कार्ड दोनों के लिए तुरुप की तरह हो गया है भले जमीन पर यह कारगर हो या नहीं. राज् ठाकरे ने तो अपने समर्थकों से यह भी कह दिया कि यदि आप किसी को पीटते हो तो उसका वीडियो मत बनाओ बस पीट दो. मजे की बात यह है कि राज ने उद्धव के साथ आने यानी दोनों भाइयों को मिलाने का श्रेय देवेंद्र फड़णवीस की राजनीति को दिया जिसके विरोध में दोनों साथ आए वहीं उद्धव ने इसके पीछे किसी राजनीति के चाणक्य का दिमाग होने का संकेत दिया जिसने इन दोनों को फिर एक किया और इस संकेत में बताए गए चाणक्य को शरद पवार माना जा रहा है जो इन दोनों के मंच पर होते समय खुद तो मौजूद नहीं थे लेकिन उनकी बेटी सुप्रिया सुले जरुर वहां मौजूद रहीं.
उद्धव और राज ठाकरे के बेटे भी इस दौरान साथ में नजर आए. इन दोनों के साथ आने से महाराष्ट्र की राजनीति कितनी बदलने वाली है यह तो नहीं कहा जा सकता लेकिन इससे ठाकरे परिवार के बीच बर्फ के पिघलने को ही बड़ी बात माना जा रहा है. राज ठाकरे की मनसे के पास राजनीतिक तौर पर तो कोई बड़ी ताकत नहीं है लेकिन उनके समर्थक काफी कट्टर हैं और उद्धव की शिवसेना शिंदे गुट के निकलने के बाद से खुद को संभालने में ही जुटी हुई है. ऐसे में इन दोनों चचेरे भाइयों का साथ आने का फैसला दोनों के लिए फायदे का सौदा भी साबित हो सकता है. माना यही जा रहा है कि भाजपा के खिलाफ गठबंधन को मजबूत करने के हिसाब से शरद पवार पिछले काफी समय से इस काम में जुटे थे जिसमे उन्हें सफलता मिली.