TMC से डेलिगेशन में न यूसुफ जाएंगे न बंदोपाध्याय,
पार्टी की नापसंदगी के बाद भी शशि थरुर ने डेलिगेशन में शामिल होने को मंजूरी दी लेकिन टीएमसी का विरोध
ममता बनर्जी ने तय कर दिया है कि उनकी पार्टी का कोई सांसद ऑपरेशन सिंदूर को लेकर या पाकिस्तान की शैतानियों को दुनिया के सामने रखने वाली टीम में शामिल नहीं होगा. हालांकि उन्होंने ऐसा साफ कहा नहीं है लेकिन जिस तरह इस टीम के लिए चुन लिए जाने के बाद भी सांसद यूसुफ पठान ने जाने से इंकार कर दिया और फिर सुदीप बंदोपाध्याय ने कह दिया कि वे खराब तबियत के चलते डेलिगेशन में शामिल नहीं हो सकते, उससे यह साफ है कि यह पार्टी की लाइन पर चलते हुए किए गए इंकार हैं. मिशन को वैश्विक मंच तक बताने के लिए बनाए गए डेलिगेशंस में असदुद्दीन ओवैसी तक शामिल हो रहे हैं लेकिन ममता दीदी को डर है कि ऑपरेशन सिंदूर की तारीफ कर देने भर से उनके वोटबैंक को नुकसान पहुंच सकता है. यदि इन दो नामों ने जाने से मना किया था तो ममता दीदी के पास और भी विकल्प थे और शत्रुघ्न सिन्हा तक के लिए यह एक अच्छा मौका होता यहां तक कि टीएमसी का रुख होने के बाद भी यूसुफ चाहते तो डेलिगेशन में जा सकते थे जैसा कि कांग्रेस के शशि थरुर कर रहे हैं लेकिन खुद यूसुफ भी नहीं जाना चाहते थे और ममता दीदी ने भी सहमति दिखा दी तो उन्होंने पहली फुरसत में नाम हटा लिया.
ममता दीदी यह भी बहाना बना रही हैं कि उनके सांसद का चयन सरकार को न करते हुए यह अधिकार पार्टी को ही देना था. टीएमसी महासचिव अभिषेक बनर्जी ने बयान जारी करते हुए कहा है कि केंद्र तृणमूल के प्रतिनिधि पर कैसे फैसला कर रही है? हालांकि अभिषेक ने यह भी कहा कि तृणमूल डेलिगेशन का बहिष्कार नहीं कर रही है लेकिन टीएमसी के निर्णयों ने बता दिया है कि वो सीधे इनका बहिष्कार ही कर रही है.