TMC और कांग्रेस की दोस्ती के बीच से अधीर हटे
टीएमसी से हारे अधीर, इस मोर्चे पर भी ममता से हार गए
पश्चिम बंगाल कांग्रेस अध्यक्ष पद से वरिष्ठ नेता अधीर रंजन चौधरी ने इस्तीफा देकर एक नई फूट की संभावना जगा दी है. राज्य प्रभारी महासचिव गुलाम अहमद मीर ने बताया है कि चौधरी के इस्तीफे के बाद नए प्रदेश अध्यक्ष के लिए प्रक्रिया भी शुरु कर दी गई है, आमतौर पर आलाकमान ऐसे मामले में इस्जतीफा स्वीकारने में जल्दबाजी नहीं करता है लेकिन उनका इस्तीफा स्वीकार कर लेने के बाद तुरंत ही यह भी कह दिया गया कि नए नाम की घोषणा शीघ्र ही हो जाएगी, इसका साफ मतलब है कि खुद पार्टी उनसे किनारा करना चाहती थी .
कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं से मुलाकातें की थीं और जब टीएमसी के साथ संबंधों पर चर्चा हुई तो यह लगा कि अधीर के रहते ममता के साथ कोई ठीकठाक से भी संबंध नहीं रखे जा सकते हैं. इस फीडबैक के बाद ही अधीर रंजन ने इस्तीफा सौंप दिया. चौधरी ममता बनर्जी के धुर विरोधी रहे हैं. टीएमसी और कांग्रेस के बीच सीट शेयर करने पर भी उन्होंने खुलकर विरोध किया था. अधीर रंजन बहरामपुर से टीएमसी के यूसुफ पठान से हारे और उसमें भी कांग्रेस कैडर ने उनके बजाए पठान के पक्ष में ज्यादा काम किया. नीति आयोग की बैठक से निकलकर ममता ने जो आरोप लगाए उन पर भी अधीररंजन चौधरी ने ममता को ही झूठा ठहराया था. कांग्रेस मान रही है कि अधीर के हटने के बाद इंडी गठबंधन के भविष्य के लिए ममता को साथ लेना शायद आसान हो जाएग.