May 10, 2025
देश दुनिया

The Wire को सरकार ने नियम न मानने पर किया ब्लॉक

पाक संसद में भारत विरोधी होने के चलते हुई द वायर की तारीफ, पाकिस्तानी को पैनल में बुलाकर भारत के खिलाफ भड़काने का मौका भी दिया

ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्ताान की संसद में भारत की एक वेबसाइट का जिक्र करते हुए एक महिला सांसद ने सत्यपाल मलिक के इंटरव्यू का जिक्र किया और इसे भारत की आवाज बताया. सत्यपाल मलिक को तो आप जाानते ही हैं जो अपनी राज्यपाल बने रहने की महत्वाकांक्षा पूरी न होने के चलते देश के खिलाफ जाने से भी नहीं चूके लेकिन जिस वेब साइट का जिक्र किया गया वह है ‘द वायर’, यह वही वेबसाइट है जो भारत के खिलाफ हर प्रोपेगेंडा में सबसे अव्वल पाई जाती है और जिसमें चुन चुनकर ऐसे लोगों को भरा गया है जो भारत के खिलाफ काम करने वाली ताकतों के साथ हमेशा नजर आती है. सिद्धार्थ वरदराजन, आरफा खानम शेरवानी और करण थापर जैसे बीसियों कथित पत्रकारों की टीम वाली इस वेबसाइट को भारत ने आज ब्लॉक कर दिया है. इस पर कथित सेक्युलर गिरोह का हंगामा तो बनता ही था और यही वो कर भी रहे हैं.

एडिटर्स गिल्ड को भी इससे तुरंत तकलीफ होनी ही थी क्योंकि सीमा चिश्ती खुद इससे जुड़ी हुई हैं. अब द वायर की तरफ से कहा जा रहा है कि सरकार ने अभिव्यक्ति की आजादी को रौंद दिया और हमारी साइट ब्लॉक कर दी है. यह भी बताया जा रहा है कि हम जरुरी कदम उठा कर साइट को फिर चालू करने की कोशिश कर रहे हैं लेकिन एक बार भी यह नहीं बताया गया कि सरकार को ऐसा कदम उठाने पर मजबूर भी खुद इसके कर्ताधर्ताओं ने किया है. ऑपरेशन सिंदूर के साथ ही भारतीय मीडिया को कुछ सलाह दी गई थीं और इसमें यह बात भी शामिल थी कि पाकिस्तानी पेनलिस्ट बहसों में न बुलाए जाएं लेकिन करण थापर तो खुद को ही सरकार मानते हैं इसलिए उन्होंने सरकार की बात न मानते हए पाकिस्तान से भारत विरोधी विचार रखने वाले नजम सेठी को न सिर्फ कार्यक्रम में जोड़ा बल्कि भारत के खिलाफ बोलने के लिए खूब उकसाया भी. यानी द वायर ने सरकारी नियमों को धता बताते हुए फिर अपनी मर्जी की ही चलाई और अब इसका पूरा स्टाफ यह बताने में लगा है कि सरकार अभिव्यक्ति की आजादी नहीं दे रही है जबकि पिछले दस सालों से यह वेबसाइट सिवा सरकार को बुरा बताने के कुछ नहीं कर रही है.