Supreme Court ने कहा शरिया अदालत की कानूनी मान्यता नहीं
कई नामों से जानी जाने वाली शरिया या काजी की अदालत के निर्णय कानूनन किसी महत्व के नहीं
सुप्रीम कोर्ट ने देश में शरिया कोर्ट को गैर-कानूनी बता दिया है. एक मामले की सुनवाई के दौरान जब यह बताया गया कि सामने वाले पक्ष ने शरिया अदालत का दिया निर्णय नहीं माना तो सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आप इसे चाहे जों कह लें क्योंकि इसके कई नाम जैसे काजी की अदालत, दारूल कजा, काजियात की अदालत, शरिया अदालत वगैरह हैं लेकिन इनमें से किसी की भी भारत में कानूनी मान्यता नहीं है. इनका कोई निर्देश या निर्णय कानूनन लागू नहीं होता. इससे पहले भी इसी तरह के मामलों में साफ किया जा चुका है कि भारत में इनकी कोई मान्यता नहीं है.
2014 के एक फैसले में भी साफ किया गया था कि शरीयत अदालतों और फतवों की कोई कानूनी मान्यता नहीं है. एक महिला ने अपने भरणपोषण और शादी के मामले को लेकर बताया था कि शरिया कोर्ट भी इसमें एक निर्णय दे चुका है, इसी संदर्भ में सु्प्रीम कोर्ट ने कहा कि ऐसी अदालतों की भारत में कोई कानूनी मान्यता नहीं चाहे वह किसी भी नाम से पुकारी जा रही हों.