July 7, 2025
देश दुनिया

Supreme Court ने केंद्र से कहा पूर्व चीफ जस्टिस से खाली कराएं बंगला

डीवाय चंद्रचूड़ पिछले साल नवंबर में रिटायर हुए थे, टाइप सात में छह महीने रह सकते थे लेकिन टाइप आठ में आठ महीने से जमे हैं

पूर्व मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ पिछले साल नवंबर में रिटायर हो गए थे लेकिन तभी से वो उस बंगले में जमे हुए हैं जो सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश का पता होना चाहिए. चंद्रचूड़ ने अपने कार्यकाल में जीवन में शुचिता को लेकर कई बार टिप्पणियां कीं लेकिन वे सरकारी बंगले में इस कदर जानबूझकर देरी कर रहे हैं कि सुप्रीम कोर्ट प्रशासन को इस मामले में केंद्र सरकार के पास पत्र पहुंचाना पड़ा है जिसमें कहा गया है कि चंद्रचूड़ से बंगलाा खाली कराया जाए ताकि ये वर्तमान मुख्य न्यायाधीश को दिया जा सके.

दिल्ली के 5, कृष्ण मेनन मार्ग वाले बंगले की पहचान ही सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के आधिकारिक आवास की तरह है लेकिन पिछले आठ महीनों से यह पूर्व मुख्य न्यायाधीश के पास ही है. चंद्रचूड़ नवंबर 2024 में रिटायरमेंट के बाद से अब तक इसी बंगले में जमे हुए हैं और उनका तर्क है कि उनकी बेटियों के लिए विशेष देखभाल के हिसाब से बंगला मिलने पर ही वो इस बंगले को खाली कर सकते हैं. आखिर इस बंगले के लिए सुप्रीम कोर्ट ने एक जुलाई को केंद्रीय आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय को पत्र भेजते हुए यह बंगला खाली कराने को कहा है. इस मामले में एक और नियम की अनदेखी हो रही है और वह यह कि चंद्रचूड़ रिटायरमेंट के बाद छह महीने तक टाइप-सात बंगले के लिए पात्र थे लेकिन वे टाइप-आठ बंगले में रिटायरमेंट के आठ महीने बाद तक जमे हुए हैं. चंद्रचूड़ देरी की वजह पारिवारिक कारण बता रहे हैं और कह रहे हैं कि उनकी बेटियों की देखभाल के चलते उन्हें जैसा बंगला चाहिए वह मिलना आसान नहीं था इसलिए देरी हुई. मजे की बात यह है कि चंद्रचूड़ के बाद एक मुख्य न्यायाधीश तो बनने के बाद रिटायर भी होकर चले गए और उन्होंने पद पर रहने के बाद भी इस बंगले की मांग नहीं की थी. वर्तमान मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई ने भी कहा है कि उन्हें यह बंगला नहीं चाहिए क्योंकि वे अपने घर में ही रहेंगे लेकिन मामला गवई की जरुरत का नहीं बल्कि नियमों के पालन का है जिसके मुताबिक अब तक पूर्व मुख्य न्यायाधीश का बंगला खाली हो जाना चाहिए था. अब तक मिली मोहलत के बाद भी जब चंद्रचूड़ ने बंगला खाली नहीं किया तो आखिर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अब और इंतजार नहीं हो सकेगा क्योंकि कई जजों को आवास देना हैं. सुप्रीम कोर्ट के इतिहास में ऐसा कम ही होता है कि अदालत को ऐसे मामले में केंद्र को पत्र भेजने जैसा सख्त कदम उठाना पड़े. अब चंद्रचूड़ का कहना है कि उन्हें मिले बंगले की मरम्मत चल रही है जरे पूरी होते ही वो शिफ्ट हो जाएंगे.