Supreme Court ने कहा आरोपियों के घर गिराना गलत
आरोपी तो ठीक, दोषी का भी घर गिराना गलत
सुप्रीम कोर्ट ने अपराधियों के घरों पर बुलडोजर कार्रवाई को लेकर को गलत बताया है. जमीयत उलेमा ए हिंद की याचिका सुनते हुए एससी ने कहा कि आरोपियों के खिलाफ बुलडोजर कार्रवाई को सही नहीं माना जा सकता. याचिकाकर्ता की ओर से हाल ही में उत्तरप्रदेश, मध्यप्रदेश और राजस्थान में हुई ऐसी कार्रवाई पर सवाल उठाते हुए कहा कि खासकर अल्पसंख्यकों को डराने के लिए राज्य सरकारें घरों और संपत्तियों पर बुलडोजर चला रही हैं.
याचिका में कहा गया कि ऐसे मामलों में पीड़ितों को बचने का मौका तक नहीं मिलता, जमीयत के वकील फारूक रशीद ने कहा कि सरकारें पीड़ितों को बचाव का मौका तक नहीं देतीं. कोर्ट ने कहा कि सिर्फ आरोपी होने के आधार पर किसी के घर को गिराना ठीक नहीं है. यहां तक कि वह यदि वाकई दोषी है तो भी संपत्ति को ध्वस्त करना गलत ही होगा. सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि ऐसी कार्रवाई में अवैध कब्जे या अवैध निर्माण ही हटाए गए. सुप्रीम कोर्ट ने इस सुनवाई में यह भी कह दिया कि वह सार्वजनिक सड़कों को बाधित करने वाले किसी अवैध ढांचे को संरक्षण नहीं दे रहे.