June 21, 2025
देश दुनिया

Spy Jyoti Malhotra मामले में सवाल तो एजेंसियों से भी होने चाहिए

हिसार से पकड़ी गई पाकिस्तानी जासूस के साथ कई अन्य इन्फ्लुएंसर्स भी हैं सवालों के घेरे में

हिसार की ज्येाति मल्होत्रा के साथ पांच अन्य को पाकिसतान के लिए जासूसी के आरोप में गिरफ्तार तो कर लिया गया है लेकिन हद यह है कि उसी पाकिस्तानी हाईकमीशन के दूसरे खास मेहमान बने यूट्यूबर अब भी गिरफ्त से बाहर हैं जबकि कुछ दूसरे यूट्यूब चैनल चलाने वाले भी इसी राह पर हैं यानी खुलकर पाकिस्तान के समर्थन में अपने फॉलोअर्स को गुमराह करते हैं, अब कुछ यूट्यूबर धड़ाधड़ अपने अपने पुराने वीडियो डिलीट कर रहे हैं, खासतौर पर वो जिनमें इन्होंने पाकिस्तान समर्थक जैसी बातें की थीं. पाकिस्तानी हाईकमिश्नर दानिश की पार्टी में खास मेहमान के तौर पर अकेली ज्योति शामिल नहीं थी बल्कि कुछ और भी कथित इन्फ्लुएंसर्स इसमें थे और इनके भी सुर पाकिस्तान समर्थक और भारत विरोधी ही हैं. यानी पूरे जासूसी कांड में निगरानी एजेंसियों बुरी तरह नाकाम रही हैं. महज एक यूट्यूबर बतौर ज्योति सीधे हाईकमीशन में पैठ बना ले और इस हद तक कि वह पंजाब सूबे की मुख्यमंत्री मरियम नवाज से भी मिल आए, तीन बार पाकिस्तान हो आए और पाकिस्तान आने जाने के दौरान ही कश्मीर की कई जगहों (जिसमें पहलगाम भी शामिल है) पर ऐसे वीडियो बनाए जो पाकिस्तान के उसके आकाओं के बहुत काम के हों, हद यह कि वह इसमें सेना के लोगों को भी शूट कर लेती है.

जिस पाकिस्तानी हाईकमीशन के दानिश को भारत ने अवांछित व्यक्ति घोषित किया है उससे ज्योति के नजदीकी रिश्ते रहे हों, वह इतने फॉलोअर्स को पाकिस्ताान के गुणगान ही नहीं सुना रही थी बल्कि पाकिस्तान में आईएसआई के बड़े अधिकारियों से मिल रही थी और हमारी एजेंसियां पहलगाम हो जाने के बाद अब जाग रही हैं. जिस दानिश को भारत से भागने को कहा गया उसके सतत संपर्क में रहने वालों को इतनी छूट मिलना भी साफ नाकामी का है. यदि यह बात सच है कि ज्योति के अकाउंट में आने वाला पैसा तुर्की सहित अन्य जगहों से था, तब तो मामला और भी गंभीर है. हर देश के हाईकमीशन के कर्मचारियों की सरकार को खबर होती है लेकिन पाकिस्तान हाईकमीशन के कर्मचारी से रिश्ते में बंधी ज्योति के बारे में खुफिया एजेंसियां कुछ पता न कर पाएं यह अचरज की बात है और वह भी तब जब बतौर यूट्यूबर अपने लाख फॉलोअर को वह हथियार की तरह इस्तेमाल कर रही हो.

भारत पाकिस्तान सीमा पर वह जिस तरह से वीडियो बनाती हुई दिखी है वह भी सुरक्षा एजेंसियों के लिए चिंता की बात होनी थी. जिस तरह से इस पूरे मामले में खुफिया विभाग की नाकामी सामने आई है वह हद तक लापरवाही का मामला है क्योंकि ज्योति मल्होत्रा अकेली नहीं है, ऐसे कई कथित इन्फ्लुएंसर्स हैं जो अपनी कमाई तो यूट्यूब से बता रहे हैं लेकिन हकीकत यह है कि वो देश के साथ गद्दारी की हद तक जाने को तैयार हैं. दानिश अकेला नहीं था जिससे ज्योति के संपर्क थे बल्कि आईएसआई के कई अधिकारी इसके संपर्क में थे और यह एक नहीं बल्कि तीन अलग अलग एप के जरिए अपने हैंडलर्स को सूचनाएं देती थी जिनमें व्हाट्सएप, स्नैपचैट और टेलीग्राम भी शामिल हैं, यानी उस पर किसी तरह की निगरानी नहीं हो सकी. जिस तरह से इसने पहलगाम में रील बनाकर अपने आकाओं को संदेश भेजा उसका पहलगाम हमले से सीधा रिश्ता कितना है यह तो एजेंसियां अब खोज लेंगी लेकिन उन यूट्यूबर्स को खुला छोड़ना भी खतरनाक है जो इसी पार्टी में दानिश के साथ थे और जिनके सुर भारत के खिलाफ बल्कि कहें ठीक पाकिस्तानी पक्ष के तेवर वाले हैं.