Soros के सवाल पर संसद में बवाल, कांग्रेस से भाजपा ने पूछा रिश्ता
सारे मामले तो पहले से थे लेकिन अब जैसा आक्रामक रुख भाजपा ने लिया है वैसा पहले कभी नहीं था
शीत कालीन सत्र में जिस अंदाज में भाजपा ने कांग्रेस को निशाने पर लिया है वह चौंकाने वाला ज्यादा है. अब तक यानी पिछले दो कार्य्रकाल में मोदी की टीम ने ऐसा हमला नहीं किया था कि कांग्रेस पर पहले पात्रा और सुधांशु त्रिवेदी जैसे नेता सोरोस से संबंध का आरोप लगाएं और अब तो खुद भाजपा अध्यक्ष नड्डा ने सीधे सीधे सोनिया को निशाने पर ले लिया. न सोरोस से कांग्रेस के संबंधों की बात नई है और न राजीव गांधी फाउंडेशन कल या परसों में बना है. ये सारी जानकारियां तो सरकार को मोदी के सत्ता में आने से पहले ही थीं लेकिन अब भाजपा के आक्रामक होने के पीछे वजह यह बताई जा रही है कि डीप स्टेट यानी सोरोस एंड कंपनी को बांग्लादेश वगैरह में जो ‘सफलता’ मिली है उससे पूरे साउथ ईस्ट एशिया में और खासतौर पर इन्हें सरकार को अस्थिर करने की उम्मीदें बढ़ती हुई लगी हैं. हालांकि कांग्रेस और पूरे इंडी अलायंस के राजनीतिक तौर पर कमजोर प्रदर्शन के चलते इनका काम थोड़ा मुश्किल भी हुआ है लेकिन भारत के ज्यादातर पड़ोसियों में जिस तरह सोरोस की कठपुतलियां सरकार में आती जा रही हैं वह मुश्किलें बढ़ाने के लिए काफी है.
भाजपा ने भी इसी वजह से अब डीप स्टेट की परतें खुलकर खोलनी शुरु कर दी हैं क्योंकि अब तक तो ये विदेशी ताकतें परदे के पीछे से काम करती थीं लेकिन बांग्लादेश जैसे मामलों में इन्होंने खुलकर खेल खेला और यही वजह है कि भाजपा भी अब कांग्रेस को सीधे घेर रही है. निशिकांत दुबे और नड्डा ने जिस तरह से कांग्रेस के धागे संसद में खोलें हैं वह बता रहा है कि अब मोदी एंड कंपनी आर पार के मूड में है. दुबे ने आज कांग्रेस और राहुल गांधी से 10 सवाल पूछे जिनमें सोनिया गांधी और सोरोस के संबंध के बारे में भी पूछा है. इसमें सोनिया, राहुल और सैम पित्रोदा के अलावा राजीव गांधी फाउंडेशन को सोरोस से मिले पैसे को लेकर भी सवाल हैं. कांग्रेस के 300 लोगों को सोरोस के फंड से पैसा मिलने और भारत जोड़ो यात्रा में इस पैसे के इस्तेमाल को लेकर सवाल पूछे जाने पर कांग्रेस ने हंगामा कर सदन स्थगित जरुर करा लिया लेकिन सवाल सामने रख दिए गए हैं तो इनके जवाब देने की जिम्मेदारी तो कांग्रेस की ही होगी. इसी कड़ी में राहुल की नागरिकता वाले सवाल को भी जोड़ा जाना चाहिए जिसमें अब गृह मंत्रालय को अदालत में जवाब देना है कि वह क्या कर रहा है और जिसने मामला दायर किया है उसका कहना है कि मैंने एक नहीं कई ऐसे सबूत कोर्ट में रखे हैं जो बताते हैं कि राहुल की नागरिकता भारत की नहीं होनी चाहिए और यदि वाकई ऐसे तथ्य हैं तो राहुल की सांसदी भी खतरे में पड़ सकती है.