October 28, 2025
देश दुनिया

SIR पर सियासी घमासान, विपक्ष ने चुनाव आयोग पर उठाए सवाल

टीएमसी ने कहा हम मतदाता सूची साफ करने के पक्ष में लेकिन दबाव में काम हुआ तो विरोध होगा
निर्वाचन आयोग ने कई राज्यों में मतदाता सूची के गहन पुनरीक्षण (SIR) की घोषणा की है बिहार के बाद दूसरे चरण के एसआईआर मे 12 राज्य शामिल हैं. आयोग का हना है कि उसने मतदाता सूची को अपडेट करते हुए गलत, फर्जी और अवैध नामों को हटाने के लिए यह कदम उठाया है लेकिन विपक्ष ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया दी है. यहां तक कि कुछ मामलों में तो विपक्षी राजनीतिक दलों ने चुनाव आयोग पर ही सवाल उठा दिए हैं और कहा है कि मौजूदा निर्वाचन आयो अब तक का सबसे कम विश्वसनीय आयोग है. तमिलनाडु की सत्तारूढ़ डीएमके ने चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर सवाल उठाते हुए कहा है कि एसआईआर प्रक्रिया सत्तारुढ़ दल के राजनीतिक लाभ के लिए लाई गई व्यवस्था है. डीएमके को इस बात पर भी आपत्ति है कि असम जैसे राज्यों में यह प्र्रकिया लागू नहीं की गई है और इसके लिए 2003 को कटऑफ वर्ष माना गया है. एसआईआर प्रक्रिया पश्चिम बंगाल में भी लागू हो रही है और यहां सत्ता संभाल रही टीएमसी ने कहा है कि वह पारदर्शी मतदाता सूची के पक्ष में तो है लेकिन वैध मतदाताओं को परेशान किया गया या राजनीतिक दबाव में पक्षपातपूर्ण कार्रवाई हुई तो पार्टी विरोध करेगी.
एसआईआर के विरोध को लेकर भाजपा की ओर से कहा गया है कि टीएमसी राजनीतिक बचाव के साथ अपने वोटबैंक वाले रोहिंग्या और बांग्लादेशी घुसपैठियों को बचाने की कोशिश में जुट गई है. भाजपा प्रवक्ता शहजाद पूनावाला का कहना है कि चुनाव आयोग का संवैधानिक दायित्व है कि वह मतदाता सूची से गलत नाम हटाए और सही नाम जोड़े. विपक्षी दलों के विरोध पर उन्होंने कहा कि वे देशहित के हर काम के विरोध में खड़े रहते हैं जबकि इस प्रक्रिया के चलते कोई भी बांग्लादेशी नागरिक भारत का मतदाता नहीं बन सकेगा.