June 21, 2025
देश दुनिया

ShivSena पर भी कमजोर हुआ उद्धव का दावा

उद्धव और पवार की पार्टियां खुद को असली साबित नहीं कर सकीं

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में भाजपा के साथ वाले गठबंधन ने इंडी के महाविकास अघाड़ी गठबंधन को तो मात दे ही दी साथ ही कुछ दूसरी बातों को भी साफ कर दिया है. दरअसल महाराष्ट्र में खुद को असली पार्टी बताने का जो खेल चल रहा था उसमें चार बड़े चेहरों की जीत हार से तय होना था कि किसे जनता ने असली माना है और किसे नकली. पहली लड़ाई थी असली शिवसेना के नाम पर जिसमें बालासाहेब ठाकरे के नाम पर जहां उनके बेटे उद्धव दांव लगा रहे थे वहीं एकनाथ शिंदे का कहना था कि उद्धव ने बाल ठाकरे के सारे सिद्धातं मुख्समंत्री बनने के लिए बेच डाले हैं और बाल ठाकरे की विरासत के असली हकदार अब उद्धव न होकर वो हैं. उद्धव ने भी यही कहा था कि जनता यह बता देगी कि किसे असली शिवसेना माना जाए और किसे नहीं.

हालांकि यह लड़ाई सुप्रीम कोर्ट तक में लड़ी जा रही है लेकिन जनता की अदालत पर दोनों ने ही भरोसा जताया था. इस लिहाज से देखें तो उद्धव को जनता ने नकार दिया है और दूसरे शब्दों में कहें तो एकनाथ शिंदे की पार्टी को ही असली शिवसेना मानकर लोगों ने वोट किया है. ठीक ऐसी ही लड़ाई एनसीपी की भी रही.पार्टी गढ़ने वाले शरद पवार को उन्हीं के भतीजे अजीत पवार ने चुनौती देते हुए कह दिया कि असली एनसीपी तो उनकी वाली है. यह मामला भी सुप्रीम कोर्ट तक गया लेकिन यहां भी यही बात आई कि असली और नकली का फैसला जनता के बीच होना ही ज्यादा बेहतर होगा और आज के नतीजों से लग रहा है कि शरद पवार के असली पार्टी होने के दावे को लोगों ने खारिज कर दिया है क्योंकि उनकी पार्टी का तो प्रदर्शन कांग्रेस या उद्धव सेना से भी कमजोर रहा है. आज के नतीजों से अब कम से कम इस बात पर तो लगाम लग ही सकेगी कि उद्धव एकनाथ को बार बार गद्दार की संज्ञा न दें और शरद पवार यह न कहें कि भतीजे से उनकी पार्टी चुरा ली क्योंकि आज के नतीजे लोगों ने तय किए हैं.