July 12, 2025
देश दुनिया

Shashi Tharoor रखेंगे यूनाइटेड नेशंस में भारत की बात

मोदी ने ओवैसी को भी रखा विदेशों में भारत का पक्ष रखने वाली टीम के लिए
ज्यादा समय नहीं हुआ जब थरुर से हाथ मिलाते हुए मोदी ने कहा था कि यह तस्वीर कई लोगों की नींद उड़ा देगी तब यह अंदाजा लगाना मुश्किल था कि थरुर को एक ऐसे काम के लिए चुना जाएगा जो कि नरसिंहराव और अटल बिहारी बाजपेयी की 1994 वाली बात को फिर याद दिलाएगी. दरअसल ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत सरकार ने तय किया है कि यूनाइटेड नेशंस और मित्र देशों के बीच पाकिस्तान की काली हकीकत खुलकर रखी जरए और इस काम के लिए विदेश मामलों की संसदीय स्थयी समिति बनाई गई है जिसकी अगुवाई शशि थरुर को सौंपी गई है. इस समिति में यूं तो ओवैसी, सुप्रिया सुले से लेकर कनिमोझी तक के नाम शामिल हैं लेकिन बड़ी बात यह है कि इसके लीडर बतौर थरुर को चुना गया है. चूंकि थरुर को यूनाइटेड नेशंस में काम करने का लंबा अनुभव है इसलिए इस बात के लिए मोदी सरकार की प्रशंसा भी हो रही है कि उन्होंने पार्टी राजनीति से ऊपर उठकर यह कदम उठाया है.

हालांकि कांग्रेस में ही कुछ लोगोँ को यह बात कतई पसंद नहीं आ रही है, वे इसे थरुर का भाजपा और भाजपा का भरुर की तरफ झुकाव मान रहे हैं. इसी के चलते कांग्रेस की केरल इकाई ने इस फैसले पर कमेंट करते हुए कहा है कि भाजपा के पास अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी बात रखने के लिए टेलेंट की इतनी कमी है कि उन्हें कांग्रेस सांसद को यह काम सौंपना पड़ रहा है. वैसे थरुर भी केरल से ही सांसद हैं और इस ट्वीट को केरल कांग्रेस के अंदरुनी उठापटक के ताौर पर भी देखा जा सकता है लेकिन दिल्ली में भी कांग्रेकस के नेताओं के ऐसे ही स्वर सुनाई दे रहे हैं.