RG Kar मामला, ममता बोलीं उत्सव मनाओ, डॉक्टर और भड़के
डॉक्टर बोले नहीं सुप्रीम कोर्ट की तय समयसीमा में काम पर नहीं लौट सकते
आरजी कर अस्पताल कोलकाता वाले मामले में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को चल रहे प्रदर्शनों में भाजपा का षडयंत्र नजर आ रहा है और वो कह रही हैं कि इन षडयंत्रों में न उलझ कर लोगों को उत्सव मनाने पर ध्यान देना चाहिए. दूसरी तरफ मृतका के लिए न्याय मांग रहे डॉक्टर्स का कहना है कि वे सुप्रीम कोर्ट की समय सीमा में काम पर लौटने में असमर्थ हैं क्योंकि न पीड़िता को न्याय मिल सका है और न राज्य सरकार इस मामले में सहानुभूति ही रखती है.
सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने डॉक्टरों को मंगलवार शाम पांच बजे तक काम पर लौट आने को कहा था जिससे डॉक्टरों ने इंकार कर दिया है. वैसे सुप्रीम कोर्ट ने ममता सरकार की ओर से खड़े हुए कपिल सिब्बल से सीधे ही पूछा कि क्या सीबीआई को सभी फूटेज सोंप दिए गए हैं, जिसके जवाब में सिब्बल ने कहा कि कुछ ‘तकनीकी दिक्कतों’ के चलते सिर्फ 20 मिनट के ही फूटेज सौंपे गए हैं और इस बात पर सीबीआई ने पूछ लिया कि आखिर ऐसा क्या है जो हमसे छुपाया जा रहा है. सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान यह बात भी सामने आई कि सबूत मिटाने में अस्पतााल प्रशासना और पुलिस ने कोई कसर नहीं छोड़ी और रातोरात टॉयलेट बनवाने का आदेश भी इसी कड़ी में था. इन सारी बातों के मद्देनजर भी डॉक्टर्स भड़के हुए हें क्योंकि यह साफ होता जा रहा है कि ममता सरकार का ध्यान पीड़िता को न्याय दिलाने के बजाए किसी खास को बचाने में ज्यादा था. अब जब सीएम लोगों से उत्सव मनाने को कह रही हैं तो भी डॉक्टरों का भड़कना स्वाभाविक है कि इस तरह की वीभत्स घटना के बाद मुख्यमंत्री ऐसी बात कैसे कर सकती हैं. उधर ममता बनर्जी ने पीड़िताक े पिता को भी झूठा करार देते हुए कहा है कि उन्होंने या उनकी सरकार की तरफ से पीड़िता के पिता को पैसे देने का ऑफर किया ही नहीं गया जबकि इसे लेकर पीड़िता के पिता ने कहा है कि ममता साफ झूठ बोल रही हैं.ममता बोलीं उत्सव मनाओ, डॉक्टर बोले नहीं आएंगे काम पर
आरजी कर अस्पताल कोलकाता वाले मामले में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को चल रहे प्रदर्शनों में भाजपा का षडयंत्र नजर आ रहा है और वो कह रही हैं कि इन षडयंत्रों में न उलझ कर लोगों को उत्सव मनाने पर ध्यान देना चाहिए. दूसरी तरफ मृतका के लिए न्याय मांग रहे डॉक्टर्स का कहना है कि वे सुप्रीम कोर्ट की समय सीमा में काम पर लौटने में असमर्थ हैं क्योंकि न पीड़िता को न्याय मिल सका है और न राज्य सरकार इस मामले में सहानुभूति ही रखती है. सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने डॉक्टरों को मंगलवार शाम पांच बजे तक काम पर लौट आने को कहा था जिससे डॉक्टरों ने इंकार कर दिया है. वैसे सुप्रीम कोर्ट ने ममता सरकार की ओर से खड़े हुए कपिल सिब्बल से सीधे ही पूछा कि क्या सीबीआई को सभी फूटेज सोंप दिए गए हैं, जिसके जवाब में सिब्बल ने कहा कि कुछ ‘तकनीकी दिक्कतों’ के चलते सिर्फ 20 मिनट के ही फूटेज सौंपे गए हैं और इस बात पर सीबीआई ने पूछ लिया कि आखिर ऐसा क्या है जो हमसे छुपाया जा रहा है. सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान यह बात भी सामने आई कि सबूत मिटाने में अस्पतााल प्रशासना और पुलिस ने कोई कसर नहीं छोड़ी और रातोरात टॉयलेट बनवाने का आदेश भी इसी कड़ी में था. इन सारी बातों के मद्देनजर भी डॉक्टर्स भड़के हुए हें क्योंकि यह साफ होता जा रहा है कि ममता सरकार का ध्यान पीड़िता को न्याय दिलाने के बजाए किसी खास को बचाने में ज्यादा था. अब जब सीएम लोगों से उत्सव मनाने को कह रही हैं तो भी डॉक्टरों का भड़कना स्वाभाविक है कि इस तरह की वीभत्स घटना के बाद मुख्यमंत्री ऐसी बात कैसे कर सकती हैं. उधर ममता बनर्जी ने पीड़िताक े पिता को भी झूठा करार देते हुए कहा है कि उन्होंने या उनकी सरकार की तरफ से पीड़िता के पिता को पैसे देने का ऑफर किया ही नहीं गया जबकि इसे लेकर पीड़िता के पिता ने कहा है कि ममता साफ झूठ बोल रही हैं.