August 26, 2025
देश दुनिया

Reliance का वनतारा अब एसआईटी जांच के दायरे में

कई एनजीओ और शिकायतकर्ता लगातार कर रहे थे शिकायत लेकिन कोर्ट ने इन्हें सही या गलत मानने से अभी किया इंकार

सुप्रीम कोर्ट के पास लगातार पहुंच रही शिकायतों के बाद रिलायंस फाउंडेशन की मालिकी वाले वनतारा ग्रीन जूलॉजिकल रेस्क्यू एंड रिहैबिलिटेशन सेंटर पर आरोपों की जाँच के लिए एक एसआईटी बनाने का आदेश दिया गया है. सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज जस्टिस चेलमेश्वर इस टीम के मुखिया होंगे जबकि जस्टिस रहे राघवेंद्र चौहान, आईपीएस रहे हेमंत नगराले, और आईआरएस अफसरस आनंद गुप्ता इसके सदस्य होंगे. पिछले कुछ समय से वनतारा पर अवैध तरीके से जानवरों को यहां लाने, जानवरों के साथ बुरा व्यवहार करने और मनी लांड्रिंग तक के आरोप लग रहे थे और एक हाथी का मामला सामने आने के बाद तो कई जगह प्रदर्शन भी किए जा रहे थे.

कोर्ट ने इन शिकायतों पर कहा कि अब तक उन्हें कोई ठोस प्रमाण नहीं दिए गए हैं लेकिन आरोप व्यापक हैं इसलिए जाँच भी जरूरी है. एसआईटी को जानवरों की खरीद प्रक्रिया, वन्यजीव संरक्षण कानून और चिड़ियाघर चलाने संबंधी के नियमों को देखने, संरक्षण और जैव विविधता का मामला देखने, कार्बन क्रेडिट, तस्करी, जानवरों/उनके अंगों के व्यापार वाली शिकायतों, आर्थिक पहलू जैसे मुद्दों पर विशेष ध्यान देने को कहा गया है. एसआईटी वनतारा सेंटर जाकर भी इन सारे पहलुओं को बारीकी से जांचेगी. 12 सितंबर तक सुप्रीम कोर्ट में रिपोर्ट देना होगी और इसके बाद इस आधार पर 15 सितंबर को अगली सुनवाई होगी. गुजरात के जामनगर में तीन हजार एकड़ में फैले ‘वनतारा’ को अनंत अंबानी का ड्रीम प्रोजेक्ट माना जाता है और इसका उद्देश्य जानवरों के बचाव और पुनर्वास के लिए काम करना बताया गया है. हाथियों के लिए लगभग 600 एकड़ क्षेत्र आरक्षित है जहां देश भर से हाथी लाए गए हैं. तेंदुए, शेर और बाघ भी वनतारा में लाए गए हैं. खासतौर पर बनाए गए एक विशेष पशु चिकित्सालय जानवरों की एमआरआई, सीटी स्कैन, एंडोस्कोपिक रोबोटिक सर्जरी के सेंटर और उन्हें कृत्रिम अंग लगाने जैसी सुविधाएं भी यहां जुटाई गई हैं.