Ready To Strike से शुरु हुआ ऑपरेशन सिंदूर, प्रहाराय सन्निहिता
नौ ऐसे ठिकानों पर किए गए हमले जहां आतंकियों के प्रशिक्षण शिविर, पाक ने कहा छह जगह ही हुए हमले
भारतीय सेना के सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर जब मंगलवार देर रात या कहें बुधवार शुरु होते ही लिखा नजर आया ‘रेडी टू स्ट्राइक… ट्रेंड टू विन…’ तो लोग अचानक कुछ समझ नहीं पाए, इसी के साथ संस्कृत में लिखा गया था- ‘प्रहाराय सन्निहिता:, जयाय प्रशिक्षिता:’ जब तक इसके गहन अर्थ को समने की कोशिश की जाती तब तक तो पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर क्षेत्र में आतंक के ठिकानों और हाफिज सईद जैसों के जमे जमाए सेटअप मिट्टी में मिलने शुरु हो चुके थे यानी ऑपरेशन सिंदूर तब तक सफलता से अंजाम दिया जा रहा था. पाकिस्तान के लिए यह रात और खासतौर पर रात एक से दो बजे तक का समय काफी भारी रहा. यूं तो पाक सेना लगातार कह रही थी कि हम जाग रहे हैं लेकिन जब भारतीय सेना के फाइटर जेट चुन चुनकर आतंक के ठिकाने तबाह कर रहे थे तब पाकिस्तानी सेना की घिग्घी बंधी हुई थी और भारतीय सेना के ऑपरेशन पूरा कर लेने के बाद जब शाहबाज शरीफ की सरकार को होश आया तो पाकिस्तान में इमरजेंसी की घोषणा कर दी गई. तब तक हमारी सेना ऑपरेशन पूरा कर रक्षामंत्री को बता भी चुकी थी और ‘न्याय हुआ… जय हिंद, जय भारत’ भी अपने सोशल मीडिया पर लिख चुकी थी. इसके बाद पाकिस्तान की झूठ फैक्ट्री ने काम करना शुरु किया और मीडिया हाउस तक से झूठ बोलते हुए कहा गया कि हमने भारत की सेना का मुकाबला करते हुए भारत के जेट गिरा दिए. हद यह कि एक से पांच तक जेट गिराने का दावा करने वाली पाकिस्तानी सेना एक भी ऐसी घटना का सबूत सामने नहीं रख सकी.
लंबे समय से आतंकियों को पाल रहे इन आतंकी ठिकानों को खत्म करने में सेना ने जो सटीक कार्रवाई की उसी का नतीजा है कि बहावलपुर, मुरीदके, चक अमरू, सियालकोट, भीमबेर, गुलपुर, कोटली, बाघ और मुजफ्फराबाद के आतंकियों का बड़ी संख्या में सफाया हुआ हैं. जिन क्षेत्रों को निशाने पर लिया गया उनमें बहावलपुर इसलिए खास था क्योंकि जैश ए मोहम्मद का मुख्यालय भी यहां है और यहां मौलाना मसूद अजहर, मुफ्ती अब्दुल रउफ असगर, मौलाना अम्मार के घर भी हैं. एक और जगह है मुरीदके जो लाहौर से 40 किलोमीटर दूर है और यहां लश्कर और जमात उद दावा के आतंकी बड़ी संख्या में रहते हैं क्योंकि यह लश्कर का ट्रेनिंग सेंटर है, मुंबई में आतंकी हमले के हमलावरों भी मुरीदके में ही ट्रेनिंग लेकर आए थे. डेविड कोलमैन हेडली से लेकर तहव्वुर हुसैन राणा तक मुरीदके में प्रशिक्षित रहे हैं. इनके अलावा कोटली, गुलपुर, सियालकोट का महमूना कैंप, सवाई, सरजाल और बरनाला में भी भारतीय सेना ने बम बरसाकर आतंकियों के अड्डे नष्ट किए.