RCB का हत्याारा विजयी जुलूस, 11 मरे, 50 घायल, सरकार बेसुध
विराट की टीम आरसीबी ने कल पंजाब किंग्स को हराया था उसी का जश्न मनाने जुटी थी भीड़,पुलिस ने मना किया था राज्य सरकार कर रही थी जुलूस का समर्थन
बौने क्रिकेट फॉर्मेट का एक बहुत ही जानलेवा दृश्य आज बेंगलुरु में देखा गया जहां आरसीबी टीम की पंजाब किंग्स की जीत का जश्न मनाने की जिद में आरसीबी ने 11 लोगों की जान ले ली और 50 करीब लोग बुरी तरह कुचले जाने से घायल हैं. मंगलवार को मिली जीत का जश्न मनाने के लिए आरसीबी ने पुलिस से खुली बस में खिलाड़ियों को चैन्नास्वामी स्टेडियम तक लाने की अनुमति मांगी थी जो पुलिस ने यह कहकर खारिज कर दी थी कि वह ऐसी भीड़ नहीं संभाल सकेगी. इसके बावजूद आरसीबी ने तय किया कि वो तो पूर जोश से जश्न मनाएगी. हद यह कि जब टीम के सम्मान समारोह की शुरुआत होने वाली थी तब आयोजकों को पता चल गया था कि गेट पर मची आपाधापी में जानें जा रही हैं, इसके बाजूद कार्यक्रम चलता रहा और लोग दीवानों की तरह अपने पसंदीदा क्रिकेटर्स को देखने के लिए यह भी नहीं देख रहे थे कि नीचे कोई इंसान पैरों तले कुचलकर दम तो नहीं तोड़ रहा है. बीसीसीआई ने इस पर दुख जता कर अपने कत्तव्य की इतिश्री कर ली है, फ्रेंचाइजी यानी आरसीबी ने तो पहले ही पल्ला झाड़ लिया है और कर्नाटक के सीएम साहब ने कह दिया है कि इस हादसे से बचने के लिए कुछ नहीं किया जा सकता था.
यहां एक और बात सामने आई है कि जिस समय गेट के आसपास भगदड़ की स्थिति थी उस समय पुलिस ने काबू पाने के लिए बल प्रयोग भी कर दिया जिससे भगदड़ ज्यादा बढ़ गई. आरसीबी फ्रेंचाइजी ने घरेलू प्रशंसकों के साथ जीत का जश्न मनाना तय किया बेंगलुरु पहुंचने पर खिलाड़ियों का स्वागत करने उप-मुख्यमंत्री डीके शिवकुमार भी पहुंच गए थे. जब डिप्टी सीएम खुद किसी जलसे में शामिल होने को बेताब हो रहे हों तो पुलिस के कार्यक्रम की अनुमति देने या न देने का कोई अर्थ ही नहीं रह गया और आरसीबी की टीम क्रिकेट के प्रशंसकों की भारी भीड़ के साथ जो खुशी मनाना चाहती थी वह इस हादसे के बाद गम में बदल गया, हालांकि इससे स्टार क्रिकेटरों पर क्या फर्क पड़ा कहा नहीं जा सकता लेकिन यह बेहद बेहूदा प्रदर्शन था जो कई हत्याओं में बदल गया. भगदड़ मच गई. इस हादसे से कई सवाल उठ रहे हैं जिनमें मुख्य तो यही है कि जब पुलिस ने अनुमति नहीं दी और विजयी परेड न हो पाने के लिए लोगों से माफी मांग ली गई थी तो ऐसा क्या हुआ कि न सिर्फ क्रिकेटर्स की प्रदर्शनी लगी बल्कि हर वो काम हुआ जिसकी अनुमति पुलिस ने नहीं दी थी. यह सियासत का दबाव था जिसके चलते पुलिस की आवाज भी मिमियाती रह गई और आरसीबी के साथ इस जलसे से राजनीतिक फायदा उठाने की कोशिश करने वालों ने सैकड़ों जानें जोखिम में डाल दीं.