Rahul ने Speaker से कहा इमरजेंसी का जिक्र गैरजरुरी था
लोकसभा स्पीकर ओम बिरला के संबोधन में इमरजेंसी के जिक्र पर विवाद यहां तक पहुंच गया कि राहुल सहित कुछ चुनिंदा विपक्षी नेता जब अध्यक्ष से मिहलने पहुंचे तो उन्होंने स्पीकर से कहा कि इमरजेंसी का जिक्र गैरजरुरी था. राहुल ने बिरला से कहा कि इमरजेंसी की बात उठाना पूरी तरह से राजनीतिक मुद्दा था, इससे बचा जाना चाहिए था. राहुल के साथ सपा के धर्मेंद्र यादि, डिंपल यादव, कनिमोझी, सुप्रिया सुले, मीसा भारती, कल्याण बनर्जी और एनके प्रेमचंद्रन भी थे. इस बीच, कांग्रेस महासचिव के सी वेणुगोपाल ने स्पीकर को चिट्ठी लिखकर कहा कि एक नवनिर्वाचित स्पीकर के ‘पहले कर्तव्यों’ में से एक के रूप में अध्यक्ष की ओर से इमरजेंसी का जिक्र गंभीर बात है. इसे संसद की संस्थागत मिश्वसनीयता को प्रभावित करने का गंभीर मामला मानते हुए यह पत्र लिख रहा हूं. कांग्रेस की तरफ से संसदीय परंपराओं के इस उपहास पर गहरी चिंता जताते हुए यह पत्र वेणुगोपाल ने लिखा है लेकिन इन सारी बातों से परे 18वीं लोकसभा के पहले सत्र में राष्ट्रपति के अभिभाषण में भी इमरजेंसी का जिक्र हुआ. उन्होंने आपातकाल को संविधान पर सीधा हमला बताया, नवनिर्वाचित सांसदों को बधाई देते हुए राष्ट्रपति ने चुनाव प्रक्रिया पूरी करने पर चुनाव आयसोग को भी बधाई दी, अपने 50 मिनट के भाषण में जैसे ही पेपर लीक को सजा वाली बात कही, विपक्ष ने नीट पेपर लीक पर हंगामा किया. उन्होंने कहा कि सरकार जो पहला बजट पेश करेगी वह आर्थिक और सरकार की दूरगामी नीतियों को भविष्यवादी दृष्टिकोण के साथ रखेगी जिसमें सामाजिक फैसले, और ऐतिहासिक कदम होंगे.