Rahul ब्रिटिश नागरिक तो नहीं? एक महीने में बताए सरकार- कोर्ट
राहुल की सांसदी भी जा सकती है इस एक महीने में
वैसे तो यह बात मजाक लग सकती है कि एक लंबे समय से सांसद रहे व्यक्ति को लेकर दावा सामने आए कि वह तो ब्रिटिश नागरिक है और बात कोर्ट तक जा पहुंचे लेकिन सरकार कहे कि इतने सालों से उसे ज्यादा जानकारी नहीं है इसलिए उसे दो महीने और दिए जाएं ताकि सांसद महोदय की दोहरह या गलत नागरिकता वाली बात समझी जा सके.बात है राहुल गांधी की और पिछले दिनों जब कर्नाटक के एक सज्जन इस दावे को लेकर कोर्ट गए कि राहुल गांधी के पास दोहरी नागरिकता है क्योंकि कई सबूत कहते हैं कि वो ब्रिटिश नागरिक हैं जबकि भारत में वो नागरिकता के आधार पर सांसद बने हुए हैं. विघ्नेश शिशिर नाम के इन सज्जन का कहना है कि उनके पास मौजूद दस्तावेजों से साफ है कि राहुल पर भारतीय नागरिकता अधिनियम, 1955 की धारा 9(2) के मुताबिक नागरिकता रद्द करने की कार्रवाई कीयही बात लंबे समय से सुब्रमण्यम स्वामी भी कहते आ रहे हैं लेकिन शिशिर ने तो ब्रिटिश सरकार के एक जवाब सहित कुछ अन्य तथ्यों के आधार पर कहा है कि ब्रिटिश नागरिकता छुपाने और झूठ के आधार पर सांसद बन जाने के चलते राहुल की सांसदी छीन ली जानी चाहिए. इस बार कोर्ट में जो सुनवाई हुई उसमें सरकार की तरफ से कहा गया कि यदि दो हफ्ते का समय मिले तो वह इस मामले में कुछ कर सकती है लेकिन अदालत ने कहा कि दो महीने ज्यादा हैं इसलिए इस बारे में जो भी करना है वह एक महीने में करें और 21 अप्रैल को यानी अगली तारीख पर कोर्ट को बताएं कि राहुल की नागरिकता की हकीकत क्या है.
याचिकाकर्ता का तर्क है कि उनके पास ब्रिटिश सरकार के ऐसे दस्तावेज और ईमेल हैं जो बताते हैं कि राहुल गांधी की नागरिकता ब्रिटिश है और इसके चलते भारत में उनका चुनाव लड़ना गलत था. दोहरी नागरिकता भारतीय दंड संहिता और भारतीय पासपोर्ट अधिनियम के तहत अपराध है. इसलिए अब याचिकाकर्ता ने कहा है कि इस मामले में सीबीआई को मामला दर्ज कर जांच करने को कहा जाना चाहिए.