July 7, 2025
देश दुनिया

Prime Minister क्यों बोले पानी और खून साथ नहीं बह सकते

-आदित्य

दोपहर में सेना की तरफ से की गई प्रेस कांफ्रेंस के बाद ही यह खबर आई कि रात आठ बजे प्रधानमंत्री राष्ट्र के नाम संदेश देंगे. रात आठ बजे और मोदी के संबोधन का धमाकेदार कनेक्शन होने के चलते लगा कि जाने क्या हो. पीएम ने जो कुछ बोला उसमें पहली नजर में तो कुछ भी नया नहीं लगना था, न लगा. यहां तक कि लगा दोपहर में हुई प्रेस कांफ्रेंस कहीं ज्यादा प्रभावी थी लेकिन जैसे जैसे आप प्याज की परतों की तरह इस संबोधन के गहरे अर्थ की तरफ बढ़ते हैं तो आपको लगता है कि दिन में हुई सेना तो सिर्फ इसकी पूरक थी. दरअसल तरीका यही चुना गया कि पहले सेना की तरफ से पाकिस्तान को जवाब भेजा जाए और उसके बाद पीएम विश्व के नेताओं तक अपनी बात पहुंचाएं. मामला थोड़ा उलझा हुआ लग सकता है कि राष्ट्र के नाम संदेश का वर्ल्ड लीडर्स से क्या कनेक्शन है लेकिन कुछ बातें ऐसी ही होती हैं. सबसे पहली चेतावनी उन देशों को थी जो पाकिस्तान के परमाणु शक्ति होने के नाम पर भारत को डराने की कोशिश करते हैं जिसमें खुद पाकिस्तान भी शामिल है. इसके बाद जब आतंकी ठिकानों को खत्म करने वाली बात में विश्व की सभी आतंकी घटनाओं से जब पाकिस्तानी मरकजों को जोड़ा गया ताो उसमें अमेरिका की दुखती रग यानी 9-11 का भी जिक्र किया गया और लंदन की ट्यूब वाले विस्फोट का भी. इस तरह अमेरिका और ब्रिटेन को भी उनके जख्म याद दिला दिए गए और यह भी बता दिया गया कि जिसे आप पाल पोस रहे हो, जिसे आईएमएफ का लोन दिला रहे हो वह आपके साथ भी चोट कर चुका है. तीसरा बड़ा मुद्दा यह कि आतंक पर फोकस करने का जो नैरेटिव बनाना है उसमें पहलगाम रीजनल या कश्मीर समस्याय का अंग न बनकर रह जाए इस बात के लिए संदेश दिया गया.

जब मोदी ने कहा कि न व्यापार और आतंक एक साथ नहीं चल सकते तो यह भी एक साफ संदेश था कि अमेरिका व्यापार की चिंता बताकर भारत को बहलाने की कोशिश न करे और जब उन्होंने कहा कि पानी और खून एक साथ नहीं बह सकते तो यह बात साफ थी कि वॉटर ट्रीटी पर भारत का रुख अभी कड़ा ही रहने वाला है. पाकिस्तान को तो सीधे आतंक को बढ़ावा देने वाला उन्होंने बोल ही दिया साथ ही यहां की सेना से लेकर राजनीति के आतंकी गठजोड़ को भी विशेष तौर पर रेखांकित कर दिया. यि संदेश पाकिस्तान के लिए तो था ही इसमें भी वही छुपी हुई चेतावनी थी कि आाज आप जिसे भारत की समस्या समझ रहे हैं वह सिर्फ भारत तक सीमित नहीं है. पीएम ने भारत में बने स्वदेशी सैन्य उपकरणों को जिस तरह से हाइलाइट किया वह दुनिया के लिए अपनी सैन्य निर्माण क्षमता का जयघोष तो था ही साथ ही भारत का सैन्य उपकरण बाजार में एक बड़ा खिलाड़ी होने का भी ऐलान था. महिला शक्ति को ऑपरेशन सिंदूर समर्पित करना तो खैर पहले दिन से ही साफ संदेश रहा है. पीएम का यह छोटा सा संदेश राष्ट्र के आम लोगों के लिए तो बहुत ज्यादा प्रभावी भले न रहा हो लेकिन इसके निहितार्थ आने वाले समय में खुलते नजर आएंगे जिसमें यह बात भी शामिल है कि हमने सिर्फ अभी विरमा लिया है और आगे भारत क्या करेगा यह पाकिस्तान के व्यवहार पर निर्भर करेगा.