June 21, 2025
देश दुनिया

Pope Francis की चांदी की अंगूठी और मछुआरे का चित्र

अमेरिका से मनजी की कलम से ; सेंट पीटर की याद में हर पोप के हाथ में होती है मछुआरे की अंगूठी
सर्वोच्च पादड़ी साब पोप फ्रांसिस के इंतक़ाल के बाद उनके शव को कब्र की प्रतीक्षा तो है ही- उनकी अंगूठी भी बेबस अपनी तबाही का भी इंतज़ार कर रही है. सबसे पहले बड़े पादड़ी साब पोप पीटर पेशे से एक मछुआरे थे जिनने यीशु की शागिर्दी कबूली थी. पोप पीटर वो चेले बताए गए है जिनके पास जन्नत की चाबियाँ है. हज़ार साल से हर बड़े पादड़ी साब पोप के पास एक नायब अंगूठी होती है जिसे मछुआरे की अंगूठी कहा जाता है. इस अंगूठी पर पोप पीटर की छवि जिस में वो मछली पकड़ रहे है और उनके हाथ में जन्नत की चाबी है- अंकित रहती है. हर नए पोप के चयन पर ये अंगूठी बनाई जाती है- जिस पर नए पोप का नाम अंकित रहता है. ये अंगूठी पोप के ऑर्डर का प्रतीक है- ये अंगूठी पोप की मुहर है जिसे हर आधिकारिक दस्तावेज़ पर लगाया जाता है.

पोप से मिलने वाला हर शख़्स- बड़ा या छोटा इस अंगूठी को चूमता है. अंगूठी का चुंबन चूमने वाले की ईसाई मत के प्रति श्रद्धा जाहिर करता है बल्कि ये भी दर्शाता है- हे पीटर, जब मैं जन्नत के दुआरे आऊँ, इस चाबी से मेरे लिए दरवाज़ा खोल देना. हर पोप की मृत्यु के बाद ये अँगूठी एक हथौड़े से डिस्ट्रॉय कर दी जाती है ताकि उसकी सत्ता का अंत दर्शाया जा सकें और पुरानी अंगूठी को मुहर के तौर पर इस्तेमाल ना किया जा सकें. ये अंगूठी दो स्वरूप में उपलब्ध है- हर नए पोप की इच्छा अनुसार. अमूमन ये अंगूठी शुद्ध स्वर्ण की बनाई जाती है किंतु दिवंगत पोप फ्रांसिस साब तनिक कंजूस प्रवर्ती के रहे होंगे जो उन्होंने अपनी अंगूठी चाँदी से बनी स्वर्ण कोट के साथ बनवाई थी. लिहाज़ा इस अंगूठी को तोड़े जाने पे चर्च का अधिक नुक़सान ना होगा.
फ़ोटो के मछुआरे वाली अंगूठी के दो स्वरूप!