Pending cases के लिए जज नहीं वकील हैं जिम्मेदार-CJI
अब तक की सबसे ज्यादा पेंडिंग केसों की संख्या तक पहुंच चुकी है सुप्रीम कोर्ट लेकिन गर्मी की छुटि्टयां बदस्तूर जारी
कोर्ट में पेंडिंग मामलों पर आमतौर पर अदालतों को आलोचना झेलनी पड़ती है कि उनकी छुटि्टयां ही इतनी होती हैं, लेकिन नए चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया ने कहा है कि इसके पीछे वकीलों के काम न करने की इच्छा ज्यादा जिम्मेदार है. दरअसल एक सुनवाई के दौरान वकील ने कहा कि उनकी तारीख ग्रीष्मकालीन छुट्टियों के बाद ही लगाई जाए. इस आधार पर जस्टिस गवई ने कहा कि हम जजों को पेंडिंग केसों के लिए जिम्मेदार ठहराया जाता है लेकिन सच यह है कि वकील इस दौरान काम नहीं करना चाहते है.
सीजेआई बीआर गवई जस्टिस मसीह की बेंच एक मामले की सुनवाई कर रही थी, उसमें वकील ने गर्मी की छुट्टियों के बाद तारीख लगाने की मांग की जो कि कि 26 मई से 13 जुलाई तक हैं. सीजेआई ने कहा कि मैं ही नहीं मेरे साथ पांच अन्य जज भी छुट्टियों में केसों की सुनवाई करने बैठ रहे हैं, जबकि पहले दो वैकेशन बेंच में सीनियर जज कोर्ट नहीं आते थे. सुप्रीम कोर्ट में इस समय 82,831 केस पेंडिंग हैं जो अब तक के पेंडिंग केसों में सबसे ज्यादा है. सुप्रीम कोर्ट में 2024 में 38,995 नए केस आए. सुप्रीम कोर्ट में पिछले 10 साल में सिर्फ 2015 और 2017 ही ऐसे साल रहे जब पेंडिंग केस कम हुए जबकि विभिन्न हाइकोर्ट में पेंडिंग एक केस बीते दशक में सिर्फ एक बार थोड़े कम हुए. अलग अलग हाईकोर्ट में भी पेंडिंग केसों की संख्या लगातार बढ़ी है, 2014 में कुल 41 लाख पेडिंग केस थे, जो अब 59 लाख हैं.