Operation Sindoor पाकिस्तान में 100 KM तक खत्म किए आतंकी
पांच आतंकी अड्डे पीओके में थे जबकि चार पाकिस्तान के अंदर खत्म किए गए
भारतीय सेना ने मंगलवार-बुधवार के बीच की रात को 1:05 बजे से लेकर 1:30 बजे तक के बीच पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर और पाकिस्तान में घुसकर ऑपरेशन सिंदूर पूरा करते हुए नौ आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया. 25 मिनट में चली 24 मिसाइलों ने जिन नौ आतंकी शिविरों का नामोनिशान मिटा दिया उनमें से पांच पाक अधिकृत कश्मीर में थे, जबकि चार तो पाकिस्तान के अंदर थे. आतंकियों को भर्ती करने, प्रशिक्षित करने और भारत के खिलाफ खड़े करने के लिए बनाए गए इन ठिकानों को निशाना बनाते समय भारत ने पाकिस्तान के किसी सैन्य ठिकाने, रिहाइशी इलाके या आम जगह पर हमला नहीं किया बल्कि चुन चुनकर आतंकी ठिकाने ही खत्म किए. आइये देखें कौन से मरकज भारतीस सेना के निशाने पर आए और क्यों.
पाक अधिकृ़त कश्मीर में लश्कर ए तैयबा का मुजफ्फराबाद का सवाई नाला कैंप नियंत्रण रेखा से 30 किलोमीटर की दूरी पर था. पहलगाम में 22 अप्रैल वाली आतंकी घटना को यहीं से प्रशिक्षित आतंकियों ने अंजम दिया था. 2000 से चल रहे इस कैंप में पाकिस्तानी फौज और आईएसआई के अफसर भी आतंकियों से मिलने और उन्हें प्रशिक्षण में मदद देने आते थे. मुजफ्फराबाद का ही मरकज सैयदना बिलाल कैम्प जैशे-मोहम्मद का बड़ा अड्डा था. स्पेशल सर्विसेस ग्रुप यहां आतंकियों को ट्रेनिंग देता था. कोटली (पीओके) के गुलपुर कैंप में लश्कर-ए-तैयबा के आतंकी तैयार होते थे. जबकि नियंत्रण रेखा से नौ किमी दूर बरनाला कैम्प, भीमबेर में लश्कर-ए-तैयबा हथियार, आईईडी रखता था. यहां 100 से ज्यादा आतंकियों के रुकने और प्रशिक्षण की व्यवस्था थी. कोटली में ही जैश-ए-मोहम्मद ने फिदायीन दस्ते तैयार करने का भी अलग कैंप बनाया था जो भारत की सेपना ने नष्ट किया है. ये तो वो ठिकाने थे जो पाक अधिकृत कश्मीर में थे लेकिन पाकिस्तानी सीमा के अंदर भी भारतीय सेना ने चार अड्डे उड़ाए हैं जिनमें सरजल कैम्प, सियालकोट, महमूना जोया कैम्प, सियालकोट, मरकज तैयबा कैम्प, मुरीदके भी शामिल हैं. सबसे ज्यादा दूरी तक पाकिस्तान में घुसकर भारत ने जो आतंकी ठिकाना उड़ाया है वह अंतरराष्ट्रीय सीमा से 100 किमी दूर मरकज सुभानअल्लाह, बहावलपुर का है जो जैश-ए-मोहम्मद का मुख्यालय माना जाता था और यहीं मसूद अजहर का घर भी था. मसूद का पूरा परिवार यहीं रहता था और बताया जा रहा है कि भारतीय सेना के हमले के बाद मसूद का पूरा परिवार यानी करीब दस लोगों का कुनबा भी मारा गया है.