August 2, 2025
देश दुनिया

One Nation वन समोसा की मांग और संसद का शो

मनजी की कलम से संसद में समोसा क्रांति पर एक रपट

भूरेलाल जी जीवन के उस मुकाम पर पहुँच गए हैं जहाँ हँसी अब सिर्फ़ लोकसभा टीवी पर ही मिलती है. आज का प्रकरण इतना मनोरंजक था कि लगता है जैसे संसद में कोई कॉमेडी शो चल रहा हो, नाम है—“वन नेशन, वन समोसा”.

भारत की संसद में समोसा भी इतिहास में दर्ज हो गया. वजह ना कोई बजट बम, ना ही महंगाई मिसाइल. वजह बने रवि किशन और उनका अमर प्रेम—समोसा. उन्होंने पवित्र मंच से एलान किया

“देश की जनता चाहे नोटबंदी झेले या प्याजबंदी, लेकिन समोसे की कीमत और साइज फिक्स होना चाहिए – वन नेशन, वन समोसा!”

किसी ज़माने में लहंगा रिमोट से उठाने वाले माननीय जी ने आज समोसे पे ग़ज़ब भाषण दिया है- इस भाषण को कॉलेज में केस स्टडी के तौर पे पढ़ाया जाने की जुरूरत है कि समोसे के द्वारा मुद्रास्फीति को कैसे काबू में करा जा सकता है.

इतना सुनते ही पूरा सदन तैलीय भावनाओं में बह गया. कुछ सांसदों की आँखें छलक आईं—ये आँसू देशभक्ति के नहीं थे, प्याज कट कर आए थे.

समोसा समर्थन में नारेबाज़ी:
• लालटेन वालों का नारा: “जब तक रहेगा समोसे में आलू, तब तक रहेगा बिहार में लालू!”
• डीपएंटर साब का बयान: “हम दो फुट के आलू से पाँच किलो का समोसा बनाएँगे, और उसी से भारत महान बनेगा!”

इतना सब सुनते ही विपक्ष भड़क गया और वॉकआउट कर गया. लेकिन जाते-जाते कैंटीन से दो-दो समोसे पैक कर ले गए, जिससे लोकतंत्र और प्लेट दोनों सुरक्षित रहें.

वित्त मंत्री ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में वादा किया—
“जल्द ही समोसा सब्सिडी और पकौड़ा पॉलिसी लागू होगी, ताकि आम आदमी की थाली में लोकतंत्र गरमागरम परोसा जा सके.”

अंत में कार्यवाही स्थगित हुई और रवि किशन को संसद की सीढ़ियों पर समोसा सेल्फ़ी लेते देखा गया.
उम्मीद है अगली बार संसद में चाय-पकौड़ा प्रोटेक्शन एक्ट भी पास होगा, ताकि नेता और मतदाता दोनों का मन तेल-भरा रहे.

संसद में आज महक उठा तला हुआ लोकतंत्र,
नेता बोले- समोसा रहे सस्ता, बाक़ी रहे तंत्र.