Omar और महबूबा में सोशल मीडिया पर तीखी बहस
महबूबा का पाकिस्तान प्रेम जाने का नाम ही नहीं ले रहा अब कह रहीं कि मानवता के नाते पानी देना चाहिए
ऑपरेशन सिंदूर के दौरान और उसके बाद तीन ऐसे नेता हैं जिनके बदले हुए सुरों ने माहौल में गर्मी ला दी है. शशि थरुर कुछ पहले से ही बदले बदले नजर आ रहे थे और पीएम से जिस अंदाज में मिल उस पर खुद पीएम ने भी कहा था कि यह फोटो कई लोगों की नींद उड़ा देगी. दूसरे हैं असद्दुदीन औवेसी और तीसरा सुर जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला का बदला हुआ है. हाल ये हैं कि सिंधु जल संधि निलंबन को मौका मानते हुए उमर ने कह दिया है कि वो कुलर झील पर तुलबुल बैराज योजना फिर चलाने के हामी हैं. पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती की पाकिस्तानपरस्ती उमर के इस बयान के साथ ही सामने आ गई. महबूबा चाहती हैं कि भारत सिंधु का पानी पाकिस्तान को देना जारी रखे और इसके लिए वो मानवीयता का हवाला दे रही हैं.
महबूबा को कश्मीर की परियोजना का राज्य के ही लोगों को फायदा देने वाली बात इतनी बुरी लगी कि उन्होंने उमर को गैर-जिम्मेदार और उनके विचार को भड़काऊ बता डाला. उमर कह रहे हैं कि सिंधु जलसंधि जम्मू-कश्मीर के लोगों के साथ ऐतिहासिक विश्वासघात रही है क्योंकि यह सीमा पार वालों को खुश करने की कोशिश भर थी. महबूबा और उमर के बीच इस परियोजना को लेकर जिस तरह से सोशल मीडिया पर सवाल जवाब हुए हैं वो बता रहे हैं कि महबूबा का पाकिस्तान प्रेम किस तरह उमड़ रहा है और उमर उसका किस तरह से जवाब दे रहे हैं. आखिर में तो महबूबा इस बात पर भी उतर आईं कि उमर के दादाजी का कश्मीर वाले मामले में ढुलमुल रवैया था, जिसके जवाब में उमर ने कहा कि महबूबा बात को गटरछाप करने की कोशिश में हैं. उमर ने वादा किया है कि वो अब असली काम करने जा रहे हैं जिसमें तुलबुल बैराज वाला काम भी शामिल है. 1980 के आसपास इसका काम हुआ था लेकिन सिंधु जल संधि का हवाला देकर पाकिस्तान ने इसे रुकवा लिया था. अब जबकि सिंधु जल संधि निलंबित है, तो यह परियोजना फिर शुरू करने की संभासवना तलाशी जा रही हैं. परियोजना पूरी होने पर झेलम का इस्तेमाल नौवहन के लिए हो सकेगा और बिजली उत्पादन भी सुधरेगा.