Nawab Malik की वजह से भाजपा अजित के बीच दरार
अबू आजमी को समाजवादी पार्टी ने उतारा है
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नामांकन के आखिरी दिन एनसीपी अजित पवार गुट ने भाजपा के विरोध के बावजूद नवाब मलिक को टिकट दे
दिया. मलिक को शिवाजीनगर सीट से एनसीपी की टिकट मिलने पर भाजपा और एनसीपी में ठन गई है. नवाब को लग रहा था कि भाजपा के दबाव में पार्टी उनका टिकट काट भी सकती है इसलिए उन्होंने पार्टी का फॉर्म न मिलने से पहले ही निर्दलीय ही नामांकन भर दिया था.
भाजपा ने अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम से कनेक्शन, मनी लॉन्ड्रिंग मामलों का हवाला देते हुए नवाब मलिक को चुनावी मैदान से बाहर रखने को कहा था. नामांकन के आखिरी दिन तक इस पर सस्पेंस था. उन्हें पार्टी की तरफ से ऐन मौके पर फॉर्म दिया गया. अजित पवार का यह कदम भारतीय जनता पार्टी के लिए झटका ही कहा जाएगा. एनसीपी मानखुर्द सीट बचाने में लगी हुई है. इसलिए नवाब मलिक का समर्थन करती रही. लेकिन पार्टी ने आखिर तक खुलकर कुछ नहीं कहा था. नामांकन के आखिरी क्षणों में नवाब मलिक के टिकट पर सस्पेंस खत्म हो सका. दरअसल अजित पवार के लिए नवाब मलिक जरूरी भी हैं और मजबूरी भी हैं क्योंकियह मुस्लिम बहुल क्षेत्र है और यहां से समाजवादी पार्टी ने अबू आज़मी को उतारा है. आज़मी इस क्षेत्र में मजबूत पकड़ रखते हैं. पिछली बार अबू आसिम आजमी ने इस सीट से शिवसेना को हराया था. उन्होंने 25,613 वोटों से जीत हासिल की थी