Nagpur दंगे सुनियोजित थे, पहले से तैयारी थी- सीएम फडणवीस
33 पुलिस वाले घायल, एक पर कुल्हाड़ी से भी हमला, पत्थर से भरी एक ट्रॉली जब्त
नागपुर के गणेशपेठ के महाल और हंसापुरी क्षेत्र में महज इस बात पर दो घंटे से ज्यादा आगजनी और पथराव होता रहा क्योंकि किसी ने कह दिया था कि ‘किसी’ ने ‘कहीं’ कुरान जला दी है. ये इलाके पहले ही संवेदनशील माने जाते हैं और रमजान के दौरान फैली इस खबर की पुष्टि किए बिना ही जिस तरह से हंगामा हुआ उससे यह तो साफ ही था कि मामला अचानक उग्र नहीं हुआ बल्कि इसकी पहले से तैयारियां की गई थीं वरना जिन इलाकों में आपको एक पत्थर तक नहीं मिल पाता उन शहरी क्षेत्रों में पथ्राव के लिए हर आकार प्रकार के पत्थर इतनी बड़ी मात्रा में उपलब्ध कराने कर उन्हें फेंकने वाले चंद मिनटों में इकट्ठा हो जाएं यह अचरज की बात हो. गनीमत यह है कि इस बार महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री ने साफ कहा है कि ये आगजनी और पथराव अचानक नहीं हुआ बल्कि इसकी पूर्व तैयारी की गई थी और इस संदर्भ में दो तीन चीजें गौर करने लायक हैं. सरकार का कहना है कि एक ट्रॉली जब्त की गई है जिसमें पत्थर भरे हुए थे, कुछ जगहों पर पेट्रोल बम भ फेंके गए और सरकारी आंकड़े कह रहे हैं कि 33 पुलिस वाले घायल हुए हैं जिनमें से एक पर तो कुल्हाड़ी से हमला किया गया था. फडणवीस इन तथ्यों के आधार पर यदि कह रहे हैं कि नागपुर हिंसा सुनियोजित थी तो बात काफी गंभीर लगनी ही चाहिए. महाराष्ट्र के सीएम कह रहे हैं कि
पुलिस पर हमला करने वाले दोषियों को छोड़ा नहीं जाएगा. पाँच एफआईआर के आधार पर अब तक 50 लोग पकड़े गए हैं लेकिन होली पर इंदौर के महू में हुए ठीक ऐसे ही घटनाक्रम की ही तर्ज पर यहां भी बलवा करने आए अधिकतर लोगों ने अपने चेहरे कपड़ों के पीछे छुपा लिए थे. नागपुर के 11 थाना क्षेत्रों में कर्फ्यू लगाने जैसे जैसे हालात खड़े हो जाने के पीछे एक वजह औरंगजेब की कब्र को भी बताया जा रहा है और इसका मतलब यह भी हो सकता है कि फिल्म छावा को मिली अपार सफलता ने औरगंजेब को महान साबित करने पर तुले लोगों को इस कदर गिरा दिया है कि वे दंगे करने और कराने पर उतारु हैं. नागपुर से बीजेपी विधायक प्रवीण डटके का कहना है कि हिंदुओं को निशाना बनाने के लिए हिंसा बाकायदा प्लान हुई थी, इससे भी बड़ी बात यह कि इस हमले के लिए बाहर से भी लोगों को बुलाकर हंगामा कराने के भी सबूत होने का दावा वे कर रहे हैं.