July 22, 2025
देश दुनिया

Mumbai Local धमाके मामले में सभी 12 पकड़े गए लोग रिहा

बॉम्बे हाइकोर्ट ने विशेष अदालत के फैसले को पलटते हुए पांच का मृत्युदंड और सात का आजीवन कारावास खत्म किया

11 जुलाई 2006 को मुंबई लोकल ट्रेनों में अलग अलग सात विस्फोट में 180 निर्दोष मारे गए थे लेकिन आज बॉम्बे हाइकोर्ट ने इस कांड के लिए पकड़े गए सभी 12 लोगों को रिहा करने के आदेश देते हुए इन्हें निर्दोश करार दे दिया है जबकि इससे पहले विशेष अदालत ने इन सभी को न सिर्फ दोषी माना था बलकि पांच को सजा ए मौत की सजा भी सुनाई थी.

19 साल बाद आए इस फैसले में बॉम्बे हाईकोर्ट ने सभी 12 लोगों के दोषी साबित न होने की बात कहते हुए यह भी साफ कर दिया कि यदि इनकी किसी और मामले में जरुरत नहीं है तो इन्हें रिहा भी कर दिया जाए. कोर्ट का कहना है कि जो भी सबूत पेश किए गए वे इस बात के लिए पर्याप्त नहीं हैं कि पांच को मृत्युदंड और सात को आजीवन सजा सुनाई जाए बल्कि इनका तो दोष ही सिद्ध नहीं होता है. अभियोजन पक्ष इन पर दोष साबित करने में पूरी तरह विफल रहा है. कोर्ट ने टिप्पणी की कि मानना मुश्किल है कि इन बारह लोगों ने ही यह अपराध किया है. इसलिए उनकी दोषसिद्धि रद्द की जाती है. ऐसे में पांच को मृत्युदंड और सात को आजन्म कारावास की सजा को खत्म करते हुए इन्हें बरी करती है. 2015 में एक विशेष अदालत ने इन्हीं 12 लोगों को दोषी ठहराते हुए पांच को मृत्युदंड और सात को आजीवन कारावास की सजा दी थी. अब सवाल यह है कि 2006 में जो सात जगह मुंबई लोकल में कई जगहों पर विस्फोट हुए और इनमें 180 लोग मारे गए(और कई घायल भी हुए) उनको कैसे न्याय मिलेगा.