Law यानी कानून की देवी अब खुली आंखों से देखेंगी
तलवार की जगह अब एक हाथ में संविधान की किताब हाथ में होगी
सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस चंद्रचूड़ की पहल पर एक बड़ा फैसला करते हुए अब तक चली आ रही कानून की देवी के कॉन्सेप्ट को ही बदल दिया गया है. अब तक कानून की देवी का जो प्रतिमान गढ़ा जाता था उसमें उनके एक हाथ में न्याय की तराजू के साथ दूसरे हाथ में तलवार का प्रतीक होता था लेकिन अब उस तलवार की जगह संविधान की किताब नजर आएगी.
इससे भी बढ़कर जो बदलाव सामने आया है वह यह कि अब कानून की देवी की आंखों पर परंपरागत रुप से पट्टी वाला चित्र सामने नहीं आएगा बल्कि खुली आंखों से न्याय के लिए उस पट्टी को भी हटा दिया गया है. हालांकि सभी इस बदलाव से खुश हों ऐसा भी नहीं है, एक धड़ा वह भी है जिसका कहना है कि आंखों पर पट्टी इस बात का द्योतक थी कि कानून सभी के लिए समान रुप से काम करेगा और किसी भी तरह के पक्षपात के लिए जगह नहीं है लेकिन अब जब आंखें खुली दिखाई जा रही हैं इसका मतलब यह भी निकाला जा सकता है कि अब हम खुलकर पक्षपात के साथ निर्णय करने की दिशा में बढ़ेंगे. जो भी हो अपने रिटायरमेंट से पहले वीफ जिस्टिस ने एक बड़ा काम तो कर ही दिया है.