Kolkata मामले में ममता सरकार का रुख सख्त
डॉक्टरों की शर्तें सरकार को मंजूर नहीं
कोलकाता के आरजी कर अस्पताल मामले को लेकर एक महीने से चल रहा गतिरोध सुप्रीम कोर्ट के कहने पर भी समाप्त नहीं हो सका है. ट्रेनी महिला डॉक्टर के साथ दुष्कर्म और हत्या के बाद से जूनियर डॉक्टर हड़ताल पर हैं जिसे खत्म करने को लेकर सुप्रीम कोर्ट की दी हुई समयसीमा भी खत्म हो गई लेकिन डॉक्टर काम पर नहीं लौटे. राज्य की मंत्री चंद्रिमा भट्टाचार्य ने कहा कि साफ कर दिया है कि पश्चिम बंगाल सरकार को डॉक्टरों की यह बात मंजूर नहीं है कि वे बातचीत से पहले ही शर्तें लगाएं. उन्होंने डॉक्टर्स को ड्यूटी पर वापस आने के लिए तो कहा लेकिन इस बात पर नाराजी जताई कि डॉक्टर बात में आने से पहले ही शर्तें लगा रहे हैं.
भट्टाचार्य ने कहा कि राज्य सरकार डॉक्टरों के साथ बैठक और बातचीत की शर्तों को मानने के लिए तैयार नहीं है. उनके अनुसार डॉक्टरों की लगाई शर्तें देखकर लगता है कि चिकित्सक खुले मन से बैठक में आने को तैयार नहीं हैं. उधर डॉक्टरों ने राज्य सरकार को एक पत्र भेजकर इस बात पर अपत्ति ली थी कि मुख्य सचिव ने उनके अधिकतम 15 प्रतिनिधियों को बैठक में शामिल होने की शर्त रखी जबकि डॉक्टर कम से कम 30 प्रतिनिधियों को बैठक में शामिल होने की अनुमति चाहते हैं. डॉक्टरों का यह भी कहना है कि मुख्यमंत्री खुद बैठक में मौजूद रहें और वे ही डॉक्टरों की मांगों पर ही बात हो. डॉक्टरों का कहना है कि इस बातचीत का सीधा प्रसारण भी किया जाए. उधर सरकार को इन मांगों में राजनीतिक उकसावे की आशंका लग रही है और यह बात कही भी जा चुकी है कि डॉकटर बहकावे में आ रहे हैं.