June 21, 2025
देश दुनिया

Kolkata Case में ममता सरकार के खिलाफ केंद्र को कोर्ट जाना पड़ा

CISF के तैनात जवानों को रहने की जगह तक नहीं मिलने का मामला

केंद्र सरकार को ममता बनर्जी की राज्य सरकार के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाना पड़ा है, गृह मंत्रालय ने सुप्रीम कोर्ट से कहा है कि वे पश्चिम बंगाल सरकार के अफसरों को निर्देश दे कि वह केंद्र के साथ सहयोग करे.

कोलकाता में ट्रेनी डॉक्टर के साथ हुए दुष्कर्म मामले के बाद से राज्य सरकार ने जो रुख अपनाया है वह चकित करने वाला है, आरोपी के सीधे कनेक्शन के बावजूद न पुलिस कमिश्नर को हटाया जा रहा है और न ही मामले में कार्रवाई होने देने की कोई नीयत नजर आ रही है. हालत यहां तक पहुंच गए हैं कि केंद्रीय गृह मंत्रालय को सुप्रीम कोर्ट में इस बात के लिए दखल देने की मांग करना पड़ी है कि राज्य सरकार कम से कम केंद्र का सहयोग तो करे. गृह मंत्रालय के अनुसार पश्चिम बंगाल सरकार माफ न कर सकने योग्य स्थितियां खड़ी कर केंद्र को कतई सहयोग करने को तैयार नहीं है, यहां तक कि आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में जिन सीआईएसएफ वालों की ड्यूटी लगाई गई है उन्हें राज्य सरकार रहने की जगह तक नहीं दे रही है और हर स्तर पर असहयोग का यही आलम है.

अब गृह मंत्रालय चाहता है कि या तो सुप्रीम कोर्ट यह सुनिश्चित करा दे कि ममता सरकार के अफसर केंद्र के साथ सहयोग करेंगे या फिर सर्वोच्च अदालत ममता सरकार के खिलाफ अवामानना की कार्रवाई शुरु करे. यह अपने आप में अजीब सी स्थिति है जहां एक राज्य सरकार कुछ लोगों को बचाने के लिए न सुप्रीम कोर्ट के निर्देश मानने को तैयार है और न केंद्र और उसकी एजेंसियों को ही मदद कर रही है. इससे पहले जब सीबीआई को जांच सौंपी गई तो उससे पहले भी राज्य की पुलिस मशीनरी ने सबूतों वाली जगह पर कई सारे लोगों को आने की छूट दे दी जगकि ऐसे मामलों में जगह को सील किया जाना चाहिए. सुप्रीम कोर्ट भी इस बात पर सवाल उठा चुका है कि ट्रेनी डॉक्टर का शव देने के बाद भी काफी देर बाद एफआईआर किए जाने के पीछे क्या कारण थे और अब तो राज्य सरकार खुलकर इस बात पर आ गई है कि वह सीआईएसएफ से लेकर सीबीआई तक को किसी तरह की मदद नहीं कर रही है.