Kalpesh Yagnik को सुसाइड के लिए उकसाने वाली सलोनी की जमानत फर्जी
भास्कर के समूह संपादक को ब्लैकमेल करती थी उनकी साथी पत्रकार सलोनी अरोरा
दैनिक भास्कर के ग्रुप एडिटर रहे पत्रकार कल्पेश याग्निक को ब्लैकमेल करने और आत्महत्या के लिए उकसाने के मामले में आरोपी सलोनी अरोरा पर अब एक और मामला हो गया है और वह है फर्जी तरीके से जमानत लेकर कोर्ट को गुमराह करने का. सलोनी की जमानत जिस केदार डाबी ने दी थी वह आदतन फर्जी जमानतें देने का अपराधी रहा है और फर्जी जमानत कांड में पहले पकड़ा भी जा चुका है. अब इंदौर क्राइम ब्रांच ने सलोनी और केदार, दोनों को ही गिरफ्तार कर लिया है. केदार को चार दिन की रिमांड पर दिया गया है जबकि सेलानी को अब कोर्ट में पेश किया जा रहा है. इन दोनों के अलावा एक अन्य मधु श्रीवास्तव को भी आरोपी बनाया गया है, बताया जाता है कि वह भी फर्जी जमानत की धांधली में शामिल है. हालांकि अभी वह पुलिस की पकड़ से बाहर है. इन तीनों पर धोखाधड़ी सहित अन्य धाराओं में केस दर्ज किया है. दरअसल पहले सलोनी की जमानत उसकी भाभी डिंपल ने जमानत दी थी लेकिन बाद में सलोनी के भाई से झगड़ा होने पर अपनी दी हुई जमानत वापस ले ली थी. इसके बाद 2024 में केदार डाबी ने जमानत पेश की थी.
कल्पेश याग्निक के छोटे भाई नीरज याग्निक ने इन तीनों पर धोखाधड़ी करते हुए जमानत लेने देने का आरोप लगाया और जब जांच में बात सही पाई गई तो (115,420, 465,466, 467,468,470,471,474 व 120 बी) में इन पर अपराध दर्ज करते हुए सलोनी और केदार की गिरफ्तारी की गई जबकि सलोनी के वकील की बहन मधु अभी फरार है. अपने भाई को इनकी वजह से खो चुके नीरज याग्निक लगातार इस बारे में खबर ले रहे थे कि ये आरोपी कौन से गलत रास्तों से बाहर आने की कोशिश कर रहे हैं, इसी क्रम में उन्हें पता चला कि केदार 2022 में फर्जी जमानत कांड में गिरफ्तार हुआ था और जिन शर्तों पर बाहर आया था उनका भी लगातार उल्लंघन कर रहा था. हाइकोर्ट ने केदार की जमानत के लिए जो शर्तें रखी थीं उनमें यह भी शामिल था कि वह किसी की जमानत नहीं दे सकता, इसके बावजूद उसने सलोनी के लिए जमानत दे डाली थी. कल्पेश मामले में कोर्ट में पेश होने से यथा संभव बवने वाली सलोनी लगातार इंदौर और मुंबई आती जाती रहती थी लेकिन अदालत के मामले में लगातार असहयोग का रुख रखती थी.