Justice Verma बोले न नोट जलने की जानकारी न स्त्रोत का पता
जस्टिस वर्मा से ‘रिक्वेस्ट’ फोन डाटा डिलीट न करें
14 मार्च को जस्टिस वर्मा के घर लगी आग और वहां बोरों में नोटों के जलने के मामले में सुप्रीम कोर्ट जांच कर रहा है और इस सिलसिले में वर्माजी से विनती की गई है कि वो ‘कृपा कर’ फोन हिस्ट्री या डाटा डिलीट न करें. जस्टिस वर्मा से तीन सवालों के जवाब चाहे गए थे जिनके जवाब में उन्होंने किसी नगदी के होने या जलने या जलनके बाद उन्हें बताए जाने से इंकार किया है. घटना के सामने आने के बाद जस्टिस वर्मा का ट्रांसफर प्रयागराज कर दिया गया था और इस कदम को लेकर भी खूब विरोध हुआ था.
अब जस्टिस वर्मा से जांच करने वाली समिति ने तीन सवालों के उत्तर मांगे थे जिनके जवाब में उन्होंने खुद या अपने परिवार में किसी को भी नोटों के जलने के बारे में कोई जानकारी होने से उन्होंने इंकार किया है. उन्होंने बतायाय है कि वे जब 15 मार्च को भोपाल से लाौटे तो उन्हें इस बारे में कोई जानकारी नहीं मिली कि उनके घर के आउटहाउस या स्टोर में लगी आग में बोरों में रखे नोट जले हुए मिले. जस्टिस वर्मा ने इन नोटों के स्त्रोत केे बारे में पूछे गए सवाल के बारे में कहा है कि जब मुझे किसी नेाट के चलने की जानकारी ही नहीं है तो उसके स्त्रोत के बारे में बता पाने का तो केई सवाल ही नहीं है. सुप्रीम कोर्ट ने जस्टिस वर्मा से तीन प्रश्न दिल्ली हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस डीके उपाध्याय के माध्यम से पूछे थे, अब सुप्रीम कोर्ट ने जस्टिस वर्मा से अपना फोन और उसका डाटा सुरक्षित रखने को कहा है.