May 6, 2025
देश दुनिया

Justice के मामले में साउथ का हिसाब कहीं बेहतर

कुछ राज्यों के मामले में तो औसत से भी बदतर उत्तर भारत के राज्य

इंडिया जस्टिस रिपोर्ट ने देश में ही जागरुकता के दो पैमाने सामने रखें हैं. सभी राज्यों में न्याय मिलने की हालत सुधरी है लेकिन इसमें उत्तर भारत के मुकाबले दक्षाण भारत का प्रदर्शन ज्यादा बेहतर है. रिपोर्ट में पुलिस, जेल, क़ानूनी सहायता, न्यायपालिका और मानवाधिकार के पैरामीटर पर इन्हें तय किया गया है. कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, केरल और तमिलनाडु लोगों को न्याय देने के मामले में कहीं बेहतर हैं जबकि उत्तर भारतीय राज्यों में बहुत मामूली सुधार देखा गया है, कुछ राज्यों का प्रदर्शन तो औसत से भी नीचे है.

पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, झारखंड और राजस्थान का रिकॉर्ड इसमें खराब है. इस रिपोर्ट से समझा जा सकता है कि उत्तरी और दक्षिणी राज्यों में मानसिकता का अंतर है. दक्षिणी राज्यों में पुलिस आधुनिकीकरण, डिजिटाइजेशन, पुलिस और न्यायपालिका में लैंगिक प्रतिनिधित्व के चलते यह संवेदनशीलता दिखाई दे रही है. देखा जाता है कि उत्तर भारतीय राज्यों में प्राथमिकताओं पर विचार करने, योजना बनाने और उन्हें लागू करने के लिए बहुत कम समय था. अब कोशिश होगी कि इस रिपोर्ट की फ़ाइंडिंग देखते हुए नीति निर्माता न्याय देने के तरीके में गुणात्मक सुधार की योजना बना सकें. यह रिपोर्ट टाटा ट्रस्ट ने आधा दर्जन संगठनों के साथ तैयार की है.