Jet Airways के उड़ने की संभावना पूरी तरह खत्म
‘दि जॉय ऑफ फ्लाइंग’ एयरवेज अब नहीं उड़ेगी
जेट एयरवेज के लिए सुप्रीम कोर्ट ने अंतिम आदेश लिक्विडेट करने का दे दिया है. यानी कंपनी की परिसंपत्तियों को बेचने की शुरुआत और बिने से मिले पैसे का देनदारियों को चुकाने में इस्तेमाल. अदालत ने कंपनी लॉ अपील ट्रिब्यूनल के फैसले से ठीक उलट यह फैसला आया है. आर्थिक संकट के चलते जेट एयरवेज 2019 से बंद हो गया था. उस वक्त बैंकों का 4783 करोड़ का कर्ज था. एयरलाइन पर बैंकों ने दीवालिया कार्रवाई शुरू की थी. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि लिक्विडेशन जरुरी है क्योंकि कंसोर्टियम मंजूरी के 5 साल बाद भी समाधान योजना लागू नहीं हो सकी है. अदालत ने अनुच्छेद 142 के तहत असाधारण शक्तियों के साथ यह फैसला दिया. जालान-कलरॉक कंसोर्टियम को 4783 करोड़ रुपए देना था. पहली किश्त भी कंसोर्टियम पूरी नही दे पाई थी. यानी अब जेट एयरवेज की सभी संपत्तियां बेची जाएंगी. इस फैसले के साथ ही
जेट एयरवेज के फिर शुरू होने की संभावना खत्म हो गई है. एक समय ऐसा भी था जब जेट एयरवेज 120 हवाई जहाजों के साथ आसमाान पर राज किया करती थी. ‘दि जॉय ऑफ फ्लाइंग’ टैग लाइन वाली यह कंपनी 650 फ्लाइट्स तक रोज चलाती थी लेकिन धीरे धीरे इसका घाटा बढ़ा जो मार्च 2019 तक 5,535.75 करोड़ रुपए तक पहुंच गया था.